Gun का आविष्कार किसने किया? बन्दूक का आविष्कार किसने किया और कब किया था? पिस्तौल की खोज किसने की?
दोस्तों आज के समय में बंदूक के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन इसके साथ ही कई लोगों के दिमाग में बंदूक के अविष्कार के बारे में जानने की जिज्ञासा उत्पन्न हो जाती है।
दोस्तों अगर आप बंदूक का आविष्कार किसने किया यह जानना चाहते है, तो आपके लिए यह जानना अनिवार्य है, की बंदूक का चलना काला पाउडर (गन पाउडर/बारूद) के बिना संभव नहीं है, और हमे यह भी जानना होगा की गन पाउडर का आविष्कार किसने किया?
गन पाउडर की खोज 9 वी सदी में चीन में हुई थी और चीनी लोग गन पाउडर का प्रयोग खुशी के मौकों पर धमाकों के तौर पर करते थे, जैसे हमारे यहां पर पटाखे जलाए जाते हैं।
फिर धीरे-धीरे चीनियों ने गन पाउडर पर अलग-अलग तरह के बहुत सारे परीक्षण किए, जिससे अंत में उनके दिमाग में गन पाउडर से कोई हथियार बनाने का विचार आया और चीनियों ने बांस के बंबू और तीर को मिलाकर बंदूक बनाई, जिसमें गन पाउडर का प्रयोग करके तीर को तेजी से छोड़ा जा सकता था, दुनिया की पहली बंदूक वही थी।
फिर 10 वीं सदी तक आते-आते उन्होंने इस बंबू बंदूक में गन पाउडर के लिए एक ट्यूब लगाई, जो कोई मजबूत चीज़ से बनी होती थी, जिससे वो बंदूक फटे ना और उन्हें एक ही बंदूक को कई बार चलाने में कोई दिक्कत ना आए, इसी 10 वीं शताब्दी की बंदूक को "पहली बंदूक फायर लांस" कहा जाता हैं, पुराने समय के युद्ध में इसका प्रयोग बहुत ज्यादा किया जाता था।
इसके बाद यूरोप भी इस गन पाउडर को लेने के लिए जिज्ञासा से भर गया, अंत में 13वीं सदी में गन पाउडर यूरोप तक पहुंच गया था, कुछ लोगों का यह मानना है कि मंगोल आक्रमणकारियों द्वारा यह गन पाउडर यूरोप तक पहुंचा और कुछ का मानना है कि व्यापार के जरिए।
इसके बाद यूरोप में छोटी-छोटी तोप बनाई गई, जिसे हाथ से चलाया जा सकता था, जिसका "Arquebus" नाम पड़ा और उसे यूरोप की पहली बंदूक कहा गया था।
फिर 14वीं सदी के अंत तक आते-आते इस बंदूक का भी तोड़ निकाल लिया गया और 2 मिलीमीटर मोटे कवच बनने लगे, जिन पर इस बंदूक का कोई असर नहीं होता था, इसलिए इस बंदूक में और सुधार करने की जरूरत पड़ी।
फिर इस बंदूक की नली को बड़ा किया गया और अलग-अलग धातु के प्रयोग से मजबूत बनाया गया जिसके बाद इसका नाम "Musket" रखा गया, जो उन कवचो को आसनी से भेद देती थी।
आगे जाकर 15वीं सदी के अंत तक बंदूकों में ट्रिगर आने लगा, जिससे चिंगारी को गन पाउडर तक तुरंत पहुंचाया जा सके, 16वीं सदी की शुरूआत तक इसमें और सुधार हुए और इस बंदूक को "Snapmatchlock System" कहा गया।
इस बंदूक को बनाने से पहले सभी बंदूकों में आगे से गोली डाली जाती थी, जिसमें बहुत ज्यादा समय लगता था, 1850 में "Daniel Wesson" ने दुनिया का पहला कारतूस बनाया।
जिसके बाद "Breach Load Gun" बनाया जानें लगा, दुनिया की पहली "Breach Load Gun" को इंग्लैंड के "William Armstrong" ने बनाया था।
फिर बहुत सारे युद्ध होने के कारण बंदूकों में बहुत सारे सुधार हुए, अलग-अलग तरह की बंदूके बनाई जाने लगी, जो ज्यादातर "Breach Load Gun" system पर ही आधारित होती थी।
मुख्य रूप से बंदूकों के प्रकार रिवॉल्वर, पिस्तौल, राइफल, Vlock Triger Gun, Musket, मशीन गन, राकेट लांचर, रिवॉल्वर, राइफल, Arquebus Hand Gun, Frint Lock Triger System, Cap Lock Gun है।
गन पाउडर बनाने के लिए बारूद गंधक , कोयला या शोरा जैसे पोटैशियम नाइट्रेट या सॉल्ट पीटर के रासायनिक मिश्रण का प्रयोग होता है।
बंदूक की गोली कितनी तेज चलती है, यह बंदूक पर निर्भर होती है, कि गोली कौन सी बंदूक से चलाई गई हैं, आज के समय में इसकी तेजी बहुत ज्यादा हैं।
बंदूक के कानून होने या ना होने से दंगों में बहुत फर्क पड़ता है, कुछ समय पहले ही अमेरिका में बंदूकों के नए कानून की मांग के लिए बहुत सारे लोग सड़कों पर उतर आए थे, इसलिए बंदूक के लाइसेंस होने बहुत ही जरूरी है।
भारत में कोई आम नागरिक तीन ही बंदूकों शॉर्टगन , हैंडगन और स्पोर्टिंग गन के ही लाइसेंस ले सकता है और एक आम नागरिक केवल एक ही गन रख सकता है।
आर्म्स एक्ट 1959 के तहत अगर कोई व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ है, अगर आपकी उम्र 18 वर्ष से ऊपर है, आप भारत के नागरिक है, इसके लिए ली गई परीक्षा में आपको पास भी होना पड़ेगा, और कुछ उचित जांच भी करवानी पड़ेगी, तो ही आपको बंदूक का लाइसेंस मिल सकता है या इसके बाद ही आप कोई बंदूक बना सकते हैं।
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तो दोस्तों आज हमने बंदूक का आविष्कार किसने किया? बंदूक का आविष्कार कब और कहां हुआ? और दुनिया की पहली कारतूस बंदूक किसने और कहा बनाई? और बंदूक के बारे में बाकी सारी जानकारी जानी।
उम्मीद है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी, अगर आपको जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और हमारे साथ जुड़े रहे, ताकि आप भविष्य में भी इसी तरह की जानकारी हासिल करते रहे।
अगर आपको जानकारी में कोई कमी लगती है या आप कोई सुझाव देना चाहते है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं, हम आपसे अगले आर्टिकल में मिलेंगे।
इसलिए आज हम आपको यह बताएंगे कि बंदूक का आविष्कार किसने किया और बंदूक के बारे में कई अन्य जानकारी भी देंगे।
बंदूक को लोग हर जगह अलग-अलग गन, घोड़ा, कट्टा ऐसे नामो से जानते हैं।
बंदूक को लोग हर जगह अलग-अलग गन, घोड़ा, कट्टा ऐसे नामो से जानते हैं।
तो चलिए आपको बताते हैं कि बंदूक का आविष्कार किसने किया?
बंदूक का आविष्कार कब और कहां किया? और दुनिया की पहली कारतूस बंदूक किसने और कहा बनाई? और बंदूक के बारे में बाकी सभी प्रकार की जानकारी जो आप जानना चाहते है।
बन्दूक का आविष्कार किसने किया?
दोस्तों अगर आप बंदूक का आविष्कार किसने किया यह जानना चाहते है, तो आपके लिए यह जानना अनिवार्य है, की बंदूक का चलना काला पाउडर (गन पाउडर/बारूद) के बिना संभव नहीं है, और हमे यह भी जानना होगा की गन पाउडर का आविष्कार किसने किया?
गन पाउडर की खोज 9 वी सदी में चीन में हुई थी और चीनी लोग गन पाउडर का प्रयोग खुशी के मौकों पर धमाकों के तौर पर करते थे, जैसे हमारे यहां पर पटाखे जलाए जाते हैं।
फिर धीरे-धीरे चीनियों ने गन पाउडर पर अलग-अलग तरह के बहुत सारे परीक्षण किए, जिससे अंत में उनके दिमाग में गन पाउडर से कोई हथियार बनाने का विचार आया और चीनियों ने बांस के बंबू और तीर को मिलाकर बंदूक बनाई, जिसमें गन पाउडर का प्रयोग करके तीर को तेजी से छोड़ा जा सकता था, दुनिया की पहली बंदूक वही थी।
पहली बंदूक फायर लांस
फिर 10 वीं सदी तक आते-आते उन्होंने इस बंबू बंदूक में गन पाउडर के लिए एक ट्यूब लगाई, जो कोई मजबूत चीज़ से बनी होती थी, जिससे वो बंदूक फटे ना और उन्हें एक ही बंदूक को कई बार चलाने में कोई दिक्कत ना आए, इसी 10 वीं शताब्दी की बंदूक को "पहली बंदूक फायर लांस" कहा जाता हैं, पुराने समय के युद्ध में इसका प्रयोग बहुत ज्यादा किया जाता था।
यूरोप की पहली बंदूक
इसके बाद यूरोप में छोटी-छोटी तोप बनाई गई, जिसे हाथ से चलाया जा सकता था, जिसका "Arquebus" नाम पड़ा और उसे यूरोप की पहली बंदूक कहा गया था।
Arquebus Handgun
फिर 14वीं सदी में इन बंदूकों को आसानी से पकड़ने और निशाना साधने के लिए इनके पीछे लकड़ी का प्रयोग होने लगा और एक नई बंदुक का निर्माण हुआ, जिसका नाम "Arquebus Hand Gun" पड़ा, जो दुनिया की पहली "Hand Gun" थी, इस तरह बंदूक के पीछे आज भी लकड़ी का प्रयोग होता है।
Musket
फिर 14वीं सदी के अंत तक आते-आते इस बंदूक का भी तोड़ निकाल लिया गया और 2 मिलीमीटर मोटे कवच बनने लगे, जिन पर इस बंदूक का कोई असर नहीं होता था, इसलिए इस बंदूक में और सुधार करने की जरूरत पड़ी।
फिर इस बंदूक की नली को बड़ा किया गया और अलग-अलग धातु के प्रयोग से मजबूत बनाया गया जिसके बाद इसका नाम "Musket" रखा गया, जो उन कवचो को आसनी से भेद देती थी।
Snapmatchlock System
आगे जाकर 15वीं सदी के अंत तक बंदूकों में ट्रिगर आने लगा, जिससे चिंगारी को गन पाउडर तक तुरंत पहुंचाया जा सके, 16वीं सदी की शुरूआत तक इसमें और सुधार हुए और इस बंदूक को "Snapmatchlock System" कहा गया।
Vlock Triger Gun
16वीं सदी के अंत तक इसमें और सुधार हुए हैं, जिससे पाउडर को जलाने के लिए बाहर से आग लगाने की आवश्यकता नहीं होती थी, इसके अंदर ही पत्थर से सिस्टम बना दिया गया, जिससे यह और ज्यादा खतरनाक हो गई और इसका नाम "Vlock Triger Gun" रखा गया।
इस तरह की गन को 1517 में जर्मनी के "Johann Kiefuss" ने बनाया था।
इस तरह की गन को 1517 में जर्मनी के "Johann Kiefuss" ने बनाया था।
Dog Lock Gun
17वीं सदी में बंदूकों को और भी आधुनिक बनाने के लिए कील का प्रयोग किया जाने लगा, जिसमे ट्रिगर दबाकर कील के जरिए चिंगारी पैदा की जाती थी, जो गन को चला सके इसे "Dog Lock Gun" कहा गया।
Frint Lock Triger System
17वीं सदी में बंदूकों में और भी सुधार हुआ, और बंदूकों के ट्रिगर सिस्टम को बंदूक की लकड़ी के अंदर ही दे दिया गया, जिसे "Frint Lock Triger System" कहा गया, इस बन्दूक को फ्रांस के "Marin Le Bourgeoys" ने "King Louis" के लिए बनाई थी।
Cap Lock Gun
1760 के दशक में "Alfred Nobel" ने डायनामाइट का आविष्कार किया, जिससे बंदूकों के विकास में बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ा।
फिर इसका प्रयोग करके "Alexander John Forsyth" ने "Cap Lock" बंदूक को बनाया, जिसमे प्रोकोस्यन केप का इस्तेमाल होता था, जो कोपरिया जिंक से बनाया जाता था, इसे एक तरफ से फ्लूमिनेट मर्करी से भरकर खुला छोड़ते थे, जिसे बंदूक में डालकर इसके ऊपर हेमर से तेजी से वार किया जाता था, जिससे गोली तेजी से चलती थीं, इस तकनीक ने सभी बंदूकों को पीछे छोड़ दिया था।
फिर इसका प्रयोग करके "Alexander John Forsyth" ने "Cap Lock" बंदूक को बनाया, जिसमे प्रोकोस्यन केप का इस्तेमाल होता था, जो कोपरिया जिंक से बनाया जाता था, इसे एक तरफ से फ्लूमिनेट मर्करी से भरकर खुला छोड़ते थे, जिसे बंदूक में डालकर इसके ऊपर हेमर से तेजी से वार किया जाता था, जिससे गोली तेजी से चलती थीं, इस तकनीक ने सभी बंदूकों को पीछे छोड़ दिया था।
Breach Load Gun दुनिया की पहली कारतूस Gun
इस बंदूक को बनाने से पहले सभी बंदूकों में आगे से गोली डाली जाती थी, जिसमें बहुत ज्यादा समय लगता था, 1850 में "Daniel Wesson" ने दुनिया का पहला कारतूस बनाया।
जिसके बाद "Breach Load Gun" बनाया जानें लगा, दुनिया की पहली "Breach Load Gun" को इंग्लैंड के "William Armstrong" ने बनाया था।
फिर बहुत सारे युद्ध होने के कारण बंदूकों में बहुत सारे सुधार हुए, अलग-अलग तरह की बंदूके बनाई जाने लगी, जो ज्यादातर "Breach Load Gun" system पर ही आधारित होती थी।
बन्दूक का आविष्कार किसने किया जाने वीडियो में;
बन्दूक का आविष्कार किसने किया FAQs:
बंदूक कितने प्रकार की होती है
मुख्य रूप से बंदूकों के प्रकार रिवॉल्वर, पिस्तौल, राइफल, Vlock Triger Gun, Musket, मशीन गन, राकेट लांचर, रिवॉल्वर, राइफल, Arquebus Hand Gun, Frint Lock Triger System, Cap Lock Gun है।
गन पाउडर कैसे बनता हैं
गन पाउडर बनाने के लिए बारूद गंधक , कोयला या शोरा जैसे पोटैशियम नाइट्रेट या सॉल्ट पीटर के रासायनिक मिश्रण का प्रयोग होता है।
बंदूक की गोली कितनी तेज चलती है
बंदूक की गोली कितनी तेज चलती है, यह बंदूक पर निर्भर होती है, कि गोली कौन सी बंदूक से चलाई गई हैं, आज के समय में इसकी तेजी बहुत ज्यादा हैं।
आप कोन सी बंदूक या लाइसेंस ले सकते है
बंदूक के कानून होने या ना होने से दंगों में बहुत फर्क पड़ता है, कुछ समय पहले ही अमेरिका में बंदूकों के नए कानून की मांग के लिए बहुत सारे लोग सड़कों पर उतर आए थे, इसलिए बंदूक के लाइसेंस होने बहुत ही जरूरी है।
भारत में कोई आम नागरिक तीन ही बंदूकों शॉर्टगन , हैंडगन और स्पोर्टिंग गन के ही लाइसेंस ले सकता है और एक आम नागरिक केवल एक ही गन रख सकता है।
क्या आपको बंदूक का लाइसेंस मिल सकता है?
आर्म्स एक्ट 1959 के तहत अगर कोई व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ है, अगर आपकी उम्र 18 वर्ष से ऊपर है, आप भारत के नागरिक है, इसके लिए ली गई परीक्षा में आपको पास भी होना पड़ेगा, और कुछ उचित जांच भी करवानी पड़ेगी, तो ही आपको बंदूक का लाइसेंस मिल सकता है या इसके बाद ही आप कोई बंदूक बना सकते हैं।
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- Disclaimer
- इस पोस्ट का उद्देश सिर्फ जानकारी देना है, बन्दूक किसने बनाया सिर्फ इसके बारेमे ही इस पोस्ट में बताया गया है। हम किसी तरह के हतियार के प्रचार नहीं करते। हमारा उद्देश सिर्फ और सिर्फ जानकारी देना है और इस पोस्ट में हम उसी के बारेमे बताया है।
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- Camera का आविष्कार किसने किया?
- साइकिल का आविष्कार किसने किया?
आज हमने क्या जाना?
तो दोस्तों आज हमने बंदूक का आविष्कार किसने किया? बंदूक का आविष्कार कब और कहां हुआ? और दुनिया की पहली कारतूस बंदूक किसने और कहा बनाई? और बंदूक के बारे में बाकी सारी जानकारी जानी।
उम्मीद है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी, अगर आपको जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और हमारे साथ जुड़े रहे, ताकि आप भविष्य में भी इसी तरह की जानकारी हासिल करते रहे।
अगर आपको जानकारी में कोई कमी लगती है या आप कोई सुझाव देना चाहते है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं, हम आपसे अगले आर्टिकल में मिलेंगे।
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