Bharat Ke Samvidhan Kisne Likha? भारतीय संविधान के लेखक कौन है? भारतीय संविधान कब लिखा गया था? Constitution of India in hindi, संविधान क्या है?
हैलो दोस्तो, आज हम संविधान के बारे में जानेंगे कि संविधान क्या है इसे बनाने की जरूरत क्यों पड़ी और Bharat Ke Samvidhan Kisne Likha (भारत के संविधान किसने लिखा है)?
किसी भी देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए नियमों और कानूनों की आवश्यकता होती हैं जिससे देश में किसी के साथ भेद भाव ना हो, अशांति का माहौल न बने इसी को ध्यान में रखते हुए संविधान को बनाया गया है। सभी देशों से संविधान अलग अलग होते है।
किसी देश की शासानिक, राजनेतिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ नियम कानूनों को बनाया जाता है जो की सभी लोगो पर समान रूप से लागू होते है।
भारत के संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। यह 2 साल 11 महीने 18 दिन में लिखकर तैयार हुआ।
नागरिकता एक विशेष प्रकार का अधिकार है जो देश में रह रहे लोगों को एक सर्टिफिकेट के रूप में दिया जाता है।
किसी भी देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए नियमों और कानूनों की आवश्यकता होती हैं जिससे देश में किसी के साथ भेद भाव ना हो, अशांति का माहौल न बने इसी को ध्यान में रखते हुए संविधान को बनाया गया है। सभी देशों से संविधान अलग अलग होते है।
कई देशों के संविधान लिखित होते है तो कई के मौखिक जैसे भारत का संविधान लिखित है और ब्रिटिश शासन जिन्होंने भारत पर 200 साल तक राज किया उनका संविधान लिखित नहीं है। यहां पहले से ही कुछ नियम बने है जिन्हे आधार मान कर देश को चलाया जाता है।
इन नियमों और कानूनों को समय और परिस्थिति के हिसाब से संसद द्वारा बदला जा सकता है। जैसे की आपको पता है भारत का संविधान लिखित है तो आपके मनमे सवाल आता होगा की आखिर Bharat Ke Samvidhan Kisne Likha (भारत के संविधान किसने लिखा है)?
संविधान क्या है? Constitution of India in Hindi
किसी देश की शासानिक, राजनेतिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ नियम कानूनों को बनाया जाता है जो की सभी लोगो पर समान रूप से लागू होते है।
"किसी देश द्वारा बनाए गए वह नियम और कानून जिनके माध्यम से संपूर्ण देश का संचालन किया जाता हो उन नियमों वा कानूनों के संकलित रूप को संविधान कहते हैं"।
संविधान में वर्णन मिलता है कि देश की शासन व्यवस्था कैसी होगी, नागरिकों को कौन कौन से अधिकार दिए जायेगे, सरकारों के चुनाव कैसे होगा, न्याय प्रक्रिया क्या होगी, ऐसे ही बहुत से नियमों के बारे में विस्तार से वर्णन होता है।
ब्रिटिश सरकार ने भारत पर 200 साल राज किया। 1947 में भारत आजाद हुआ।
संविधान में वर्णन मिलता है कि देश की शासन व्यवस्था कैसी होगी, नागरिकों को कौन कौन से अधिकार दिए जायेगे, सरकारों के चुनाव कैसे होगा, न्याय प्रक्रिया क्या होगी, ऐसे ही बहुत से नियमों के बारे में विस्तार से वर्णन होता है।
भारत का संविधान
ब्रिटिश सरकार ने भारत पर 200 साल राज किया। 1947 में भारत आजाद हुआ।
अब हमें कुछ नियम व कानून बनाने थे जिससे सभी देशवासियों को उनके कर्तव्यों व अधिकारों से अवगत कराया जाए तथा देश को सुचारू रूप से प्रगति के रास्ते पर आगे चलाया जाए।
संविधान को तैयार करने के लिए समिति को गठन किया गया। इस समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर को चुना गया।
इन्होंने अन्य देशों के संविधान की बारीकियों को परखा और भारतीय संविधान को बनना शुरू किया।
बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा भारतीय संविधान का फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने में 2 साल 11 महीने 18 दिन लगे। ये संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत के संविधान का निर्माता कहा जाता है।
भारतीय संविधान हस्त लिखित है जिसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा हिंदी तथा English दोनों भाषाओं में हाथ से लिखा गया है।
इसे पूरे 6 महीने में लिखा गया। प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान को लिखने का मेहनताना लेने से मना कर दिया।
भारत के संविधान किसने लिखा? Bharat Ka Samvidhan Kisne Likha?
यदि आपके मनमे भी यह सवाल है की Bharat Ke Samvidhan Kisne Likha (भारत के संविधान किसने लिखा है) तो इसका जवाब कुछ इस तरह से दिया जा सकता है।
भारतीय संविधान हस्त लिखित है जिसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा हिंदी तथा English दोनों भाषाओं में हाथ से लिखा गया है।
इसे पूरे 6 महीने में लिखा गया। प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान को लिखने का मेहनताना लेने से मना कर दिया।
इन्होंने कहा बस संविधान के हर Page पर अपना नाम और अंतिम Page पर अपने नाम के साथ अपने दादा का नाम लिखेगें।
भारतीय संविधान में चित्रों को भी बनाया गया है। आचार्य नंदलाल बोस ने संविधान के प्रस्तावना Page को छोड़कर सभी Pages को चित्रों से सजाया है।
इसके प्रस्तावना पृष्ठ को राममनोहर सिन्हा द्वारा सजाया गया जो की नंदलाल बोस के ही शिष्य थे।
संविधान की हस्तलिखित प्रति भारतीय संसद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे केस में रखी गई है।
भारत के संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। यह 2 साल 11 महीने 18 दिन में लिखकर तैयार हुआ।
इसमें 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे। इसमें केवल 8 अनुसूचियाँ थीं। लेकिन वर्तमान समय में संविधान में 470 अनुच्छेद है जो 22 भागो मे विभाजित है।
तथा 8 अनुसूचियां है। संविधान में अभी तक 123 बार संशोधन हों चुका है।
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। हर साल हम 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप के मनाते है। यह भारत का राष्ट्रीय पर्व है।
भारत की नागरिकता, नागरिकों के मूल कर्तव्य तथा अधिकारों के बारे में देश के प्रत्येक व्यक्ति को जानकारी होनी चाहिए, इसलिए अब हम इन सब के बारे में आपको बताते है।
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। हर साल हम 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप के मनाते है। यह भारत का राष्ट्रीय पर्व है।
भारत की नागरिकता, नागरिकों के मूल कर्तव्य तथा अधिकारों के बारे में देश के प्रत्येक व्यक्ति को जानकारी होनी चाहिए, इसलिए अब हम इन सब के बारे में आपको बताते है।
भारत की नागरिकता
नागरिकता एक विशेष प्रकार का अधिकार है जो देश में रह रहे लोगों को एक सर्टिफिकेट के रूप में दिया जाता है।
जैसे आपका वोटर कार्ड नागरिकता का बहुत बड़ा प्रमाण होता है।
देश अपने नागरिकों को विशेष अधिकार देता है जिसके बारे में हम आगे बात करेगे।
भारतीय संविधान पूरे भारत के लिए एक ही नागरिकता रखता है। अर्थात आप पूरे भारत के किसी भी राज्य में रहे आप को भारतीय नागरिक है।
भारतीय संविधान पूरे भारत के लिए एक ही नागरिकता रखता है। अर्थात आप पूरे भारत के किसी भी राज्य में रहे आप को भारतीय नागरिक है।
संविधान में नागरिकता का वर्णन भाग 2 में अनुच्छेद 5 से 11 तक विस्तार से वर्णन किया गया है।
वे अधिकार जो किसी व्यक्ति के लिए अति आवश्यक है मूल अधिकार या मौलिक अधिकार कहलाते हैं।
सभी देशों के संविधानों मे मौलिक अधिकारों को मान्यता दी गई है। इन अधिकारों को संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लिया गया है।
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भारतीय नागरिकों के मूल कर्तव्य
- प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह अपने संविधान का पालन करे, उसके आदर्शो, राष्ट्र ध्वज व राष्ट्र गान का आदर करे।
- भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे व उसे बनाए रखें।
- भारत के सभी लोगो मे समरसता व भाईचारे की भावना को बनाए रखे। कुप्रथाओं का त्याग करे। सभी धर्मो का आदर करे।
- स्वंतत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले आदर्शो का सम्मान व पालन करे।
- देश की रक्षा करे। और आवश्यकता पड़ने पर देश की सेवा करे।
- हमारी सामाजिक संस्कृति व परम्परा के महत्व को समझे व उसे आगे बढ़ाएगा।
- प्रकृति द्वारा प्रदान की गयी संपदा की रक्षा करे। प्राणियों के प्रति दया की भावना रखे।
- राष्ट्र (सार्वजनिक) सम्पत्ति को सुरक्षित रखे, हिंसा को बढ़ावा न दे।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञान प्राप्ति कि भावना का विकाश करे।
- व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों में शामिल होकर उत्कर्स को प्राप्त करने का सतत प्रयास करे।
- माता पिता या संरक्षक द्वारा 6 से 14 उम्र के बच्चो को शिक्षा प्रदान करना।
भारतीय नागरिकों के मूल अधिकार
वे अधिकार जो किसी व्यक्ति के लिए अति आवश्यक है मूल अधिकार या मौलिक अधिकार कहलाते हैं।
सभी देशों के संविधानों मे मौलिक अधिकारों को मान्यता दी गई है। इन अधिकारों को संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लिया गया है।
- समानता का अधिकार अर्थात् सभी व्यक्तियों के लिए सभी कानून समान होगे सभी पर एक समान रूप से लागू होंगे।
- स्वतंत्रता का अधिकार इसके अंतर्गत बोलने के स्वंतत्रता, देश के किसी भी क्षेत्र में आवागमन व निवास करने की स्वंतत्रता आदि।
- शोषण के विरुद्ध अधिकार इसमें किसी भी व्यक्ति से जोर जबरदस्ती, वाल श्रम, तथा किसी भी व्यक्ति की खरीद बिक्री दंडनीय अपराध है।
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को अपना सकता है, प्रचार प्रसार कर सकता है।
- संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार इसके अनुसार जाति, धर्म के आधार पर किसी भी व्यक्ति को सरकारी शैक्षिक संस्था में नहीं रोका जाएगा। सभी लोगो को अपनी संस्कृति, भाषा सुरक्षित रखने का अधिकार है।
- संवैधानिक अधिकार- इन्हे संविधान की आत्मा कहा जाता है।
यह 5 प्रकार के होते है
- (a) बंदी प्रत्यक्षीकरण
- (b) परमादेश
- (c) प्रतिषेध लेख
- (d) उत्प्रेषण
- (e) अधिकार पृच्छा लेख
अगर आप भारत के नागरिक नहीं है तो
- आप देश में किसी बड़े पोस्ट कर कार्य करने का अधिकार नहीं दिया जाता है।
- आप चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
- आपको वोट डालने का अधिकार नहीं दिया जाता है।
भारत के संविधान किसने लिखा जाने वीडियो में -
संबिधान किसने लिखा - FAQs;
मूल संविधान के लेखक कौन है?
यदि बात की जाये की मूल संगबिधान के लेखक कौन थे तो इसका जवाब है "प्रेम बिहारी रायजादा" जी, जी हा Prem Behari Narain Raizada जीने भारत के संविधान को हस्तलिखित करने वाले सुलेखक होने के लिए उल्लेखनीय हैं।
मूल संविधान में कितने राज्य थे?
मूल संविधान में कुल 27 राज्ये है।
संविधान तैयार होने में कितने समय लगा था?
एक महान देश का संगबिधान लिखना और उसको तैयार करना उतना आसान नहीं था, भारत देश के संगबिधान को तैयार होने में कुल 6 महीनों समय लगा था।
भारत के संविधान कब लागू हुआ था?
भारत के संबिधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था, और उसी समय में भारत एक भारत एक गणराज्य बना था।
भारत के संविधान का पिता कौन है?
भीम राव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक यानी पिता माना जाता है।
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दोस्तों संविधान बहुत बड़ा है इसलिए इसे एक Post में बता पाना मुमकिन नहीं है। यह हमने आपको Bharat Ke Samvidhan Kisne Likha (भारत के संविधान किसने लिखा है)?, संविधान का परिचय, नागरिकता, मौलिक कर्तव्य तथा अधिकारों के बारे में बताया है।
आपको संविधान से संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो कॉमेंट करके जरूर बताएं। और यह जानकारी आपको कैसी लगी बताना न भूले।
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