Cryptocurrency meaning in hindi? क्रिप्टो करेंसी का क्या मतलब है? क्रिप्टोकरेंसी क्या है? Cryptocurrency in hindi?
जैसे जैसे तकनीक का विकास हो रहा है, हमारे Communication, काम करने के तरीके, खरीदारी के तरीके आदि बदलते जा रहे हैं।
आजकल लोग ऑनलाइन भुगतान करना तथा सामान खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
आजकल एक Payment System काफी चर्चे में है जिसका नाम है Cryptocurrency. क्या आप जानते है की Cryptocurrency क्या है (Cryptocurrency Meaning in Hindi)? और यह कैसे काम करता है?
इस पोस्ट में हम क्रिप्टोकरेंसी के बारे में विस्तार से बताएंगे।
आपने बिटकॉइन के बारे में जरूर सुना होगा, आपको बता दें की यह भी एक क्रिप्टोकरेंसी ही है।
आपने बिटकॉइन के बारे में जरूर सुना होगा, आपको बता दें की यह भी एक क्रिप्टोकरेंसी ही है।
यह पहली क्रिप्टोक्यूरेंसी थी जिसने इसे आम जनता के लिए बनाया गया था, लेकिन अन्य Cryptocurrency भी तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं।
वर्तमान में 2000 से अधिक विभिन्न प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी हैं और हर दिन कई नए Cryptocurrency बनाए जाते हैं।
तो आइए अब जान लेते हैं की Cryptocurrency क्या है (Cryptocurrency Meaning in Hindi)?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की मुद्रा है जिसका उपयोग और व्यापार केवल ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से किया जा सकता है। इसी वजह से क्रिप्टोकरेंसी को "डिजिटल मनी" भी माना जाता है।
Cryptocurrency Meaning in Hindi? Cryptocurrency क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की मुद्रा है जिसका उपयोग और व्यापार केवल ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से किया जा सकता है। इसी वजह से क्रिप्टोकरेंसी को "डिजिटल मनी" भी माना जाता है।
इस प्रकार की डिजिटल मुद्राओं को भौतिक रूप से नहीं देख सकते हैं, न ही छू सकते हैं और न ही लेनदेन कर सकते हैं।
याद रखें, क्रिप्टोकरेंसी में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। इस प्रकार की Currency को decentralized currencies कहा जाता है जिनका स्वामित्व किसी एजेंसी या सरकारी बोर्ड के पास नहीं होता है।
याद रखें, क्रिप्टोकरेंसी में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। इस प्रकार की Currency को decentralized currencies कहा जाता है जिनका स्वामित्व किसी एजेंसी या सरकारी बोर्ड के पास नहीं होता है।
आप क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग अपनी डिजिटल संपत्ति के रूप में कर सकते हैं जिसका उपयोग ऑनलाइन किसी चीज की खरीदारी करने के लिए भी किया जा सकता है।
खरीदारी के अलावा, आप विभिन्न सेवाओं के लिए इन क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर सकते हैं।
Cryptocurrency को Blockchain Technology के माध्यम से Manage किया जाता है। यह एक प्रकार का Peer to Peer Network System है, यानी Cryptocurrency को न सिर्फ एक सिस्टम में बल्कि अनेकों सिस्टम में इसका Ledger होता है और सभी के द्वारा इसे Manage किया जाता है।
Cryptocurrency को कैसे Manage किया जाता है?
Cryptocurrency को Blockchain Technology के माध्यम से Manage किया जाता है। यह एक प्रकार का Peer to Peer Network System है, यानी Cryptocurrency को न सिर्फ एक सिस्टम में बल्कि अनेकों सिस्टम में इसका Ledger होता है और सभी के द्वारा इसे Manage किया जाता है।
Blockchain Technology जैसा की नाम से ही पता चलता है की यह एक प्रकार के Chain में काम करता है। हर Block, chain के रुप में एक दुसरे से जुड़े होते हैं।
जैसे जैसे Cryptocurrency का आदान प्रदान होता है वैसे ही सारे Computers आपस में Communicate करना शुरू कर देते हैं और इनके बीच Validation होता है।
जैसे जैसे इसकी Demand बढ़ती है, इसकी Value भी बढ़ती है और इसकी Demand घटने में इनकी Value घटती है।
यह Transactions कुछ Seconds के भीतर ही हो जाता है, जो लोग Cryptocurrency के Public Ledgers को Maintain करते हैं उन्हें Minors कहा जाता है और Ledger Maintain होने की प्रक्रिया Mining कहलाती है, आपको बता दें की यह प्रक्रिया System Generated होती है।
यह Transactions कुछ Seconds के भीतर ही हो जाता है, जो लोग Cryptocurrency के Public Ledgers को Maintain करते हैं उन्हें Minors कहा जाता है और Ledger Maintain होने की प्रक्रिया Mining कहलाती है, आपको बता दें की यह प्रक्रिया System Generated होती है।
यह प्रक्रिया स्वचालित होती है, लेकिन इन Currency को Maintain करने के लिए कुछ Special Computers अथवा Softwares की जरूरत होती है।
Cryptocurrency मे जो भी Transactions होती है वह एक Public Ledger में Record होती है। इसे कई Systems में Blockchain के माध्यम से Maintain किया जाता है।
अब आप सोचेंगे की आपके पास जो भी Cryptocurrency है उसे कई Systems में Maintain किया जा रहा है तो यह Private Currency कैसे है?
तो आपको बता दें की Blockchain से जो भी Data Maintain होता है वह Cryptography के द्वारा Coded होता है।
यानी की Cryptocurrency की सारी जानकारी Computers में Coded होती है जिसे Decode करना बहुत मुश्किल है। इस तरह आपके Currencies का पुरा Control आपके हाथों में होता है।
अब आपके मन में यह सवाल उठेगा की जब यह Private Currency है, जब इसका Control किसी अन्य के हाथों में नहीं है तो इसका Price कैसे Decide होता है।
अब आपके मन में यह सवाल उठेगा की जब यह Private Currency है, जब इसका Control किसी अन्य के हाथों में नहीं है तो इसका Price कैसे Decide होता है।
तो आपको बता दें की हर Cryptocurrency में यह पहले से Fixed होता है की कितने Cryptocurrency उपलब्ध हैं, जैसे जैसे Cryptocurrency की डिमांड बढ़ती है, इसका Rate बढ़ता है और इसके Demand में कमी आने से इसके Rate में कमी आती है।
उदाहरण के लिए आप एक जमीन का टुकड़ा ले सकते है जिसका Value Demand के साथ बढ़ता घटता है।
आइए अब हम क्रिप्टो करेंसी के प्रकार के बारे में जानते हैं। यहां कुछ सबसे लोकप्रिय Cryptocurrency के बारे में बताया गया है जिसका सबसे अधिक इस्तेमाल होता है।
जब हम क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बात करते हैं, तो बिटकॉइन का नाम सबसे पहले आता है। क्योंकि, बिटकॉइन को दुनिया का पहला क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है। बिटकॉइन का आविष्कार 2009 में एक अज्ञात व्यक्ति "satoshi nakamoto" द्वारा किया गया था।
यह एक डिजिटल करेंसी है जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया जाता है। जैसा कि मैंने पहले बता चुका हूं, बिटकॉइन एक decentralized currency है जिसे सरकार या अन्य संस्थानों द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।
Cryptocurrency के प्रकार? Types of Cryptocurrency in Hindi
आइए अब हम क्रिप्टो करेंसी के प्रकार के बारे में जानते हैं। यहां कुछ सबसे लोकप्रिय Cryptocurrency के बारे में बताया गया है जिसका सबसे अधिक इस्तेमाल होता है।
Bitcoin (BTC)
जब हम क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बात करते हैं, तो बिटकॉइन का नाम सबसे पहले आता है। क्योंकि, बिटकॉइन को दुनिया का पहला क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है। बिटकॉइन का आविष्कार 2009 में एक अज्ञात व्यक्ति "satoshi nakamoto" द्वारा किया गया था।
यह एक डिजिटल करेंसी है जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया जाता है। जैसा कि मैंने पहले बता चुका हूं, बिटकॉइन एक decentralized currency है जिसे सरकार या अन्य संस्थानों द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।
शेयर बाजार की तरह, बिटकॉइन का मूल्य घटता और बढ़ता रहता है। हालांकि, फिलहाल एक बिटकॉइन की कीमत 39 से 35 लाख रुपये के आसपास है।
बिटकॉइन के बाद दूसरी सबसे बड़ी और सबसे आम क्रिप्टोकरेंसी Ethereum है। यह बिटकॉइन के समान एक ओपन-सोर्स, Decentralized ब्लॉकचैन-आधारित कंप्यूटर प्रोग्राम है।
Ethereum (ETH)
बिटकॉइन के बाद दूसरी सबसे बड़ी और सबसे आम क्रिप्टोकरेंसी Ethereum है। यह बिटकॉइन के समान एक ओपन-सोर्स, Decentralized ब्लॉकचैन-आधारित कंप्यूटर प्रोग्राम है।
इस क्रिप्टोकरेंसी के संस्थापक Vitalik Buterin हैं। बिटकॉइन के बाद यह एक बहुत ही प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है। आज "1 Etherium" की कीमत फिलहाल 80 से 90 हजार रुपये के आसपास है।
Litecoin एक decentralized पीयर-टू-पीयर क्रिप्टोकुरेंसी और एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट भी है जिसे MIT/X11 लाइसेंस के तहत जारी किया गया है।
Litecoin (LTC)
Litecoin एक decentralized पीयर-टू-पीयर क्रिप्टोकुरेंसी और एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट भी है जिसे MIT/X11 लाइसेंस के तहत जारी किया गया है।
"लाइटकोइन" अक्टूबर 2011 में "Charles Lee" द्वारा जारी किया गया था। चार्ल्स ली पहले एक Google के staff थे।
इस नई क्रिप्टोकरेंसी की विशेषताएं लगभग बिटकॉइन जैसी ही हैं। फिलहाल 1 Litecoin की कीमत 10 से 15 हजार रुपये के आसपास है। ब्लॉक जेनरेशन टाइम के लिहाज से बिटकॉइन और लिटकोइन में खास अंतर है।
लिटकोइन नेटवर्क 2.5 मिनट में ब्लॉक जेनरेट करता है। जबकि, बिटकॉइन नेटवर्क को ब्लॉक जेनरेट करने में 10 मिनट का समय लगता है। इसलिए, बिटकॉइन की तुलना में लाइटकोइन में लेनदेन की पुष्टि अधिक तेज़ी से होती है।
डॉगकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है जिसका आविष्कार सॉफ्टवेयर इंजीनियर billy marcus और jackson palmer ने किया था। उन्होंने एक तेज़, मज़ेदार और free payment system बनाने के लक्ष्य के साथ 6 दिसंबर, 2013 को Dogecoin (Doge) जारी किया।
डॉगकोइन का Logo में लोकप्रिय shiba dog का चेहरा दिखाया गया है। वर्तमान में डॉगकोइन का मूल्य बहुत कम है। वर्तमान में भारत में 1 DOGE = 0.62 रुपये और 3 DOGE = 1.85 रुपये है। लाइटकॉइन की तरह यहां भी script algorithm का इस्तेमाल किया जाता है।
फेयरकॉइन और बिटकॉइन ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करते हैं। हालांकि, कहा जाता है कि यह बिटकॉइन से बेहतर प्रदर्शन करता है। यहां बहुत कम Energy का उपयोग करके तेज और सुरक्षित लेनदेन किया जाता है। फेयरकॉइन में Currencies को Validate करने के लिए "proof-of-work" के बजाय "proof-of-stake" या "Proof-of-Cooperation" का उपयोग किया जाता है।
Dash एक ओपन सोर्स क्रिप्टोकरेंसी है। इसके पिछले नाम Xcoin और Darkcoin थे। "डैश" नाम का अर्थ दो शब्दों के "Digital" और "Cash" का एक Combination है। यह बिटकॉइन की तरह एक peer-to-peer cryptocurrency है जो ओपन सोर्स है। हालांकि, निश्चित रूप से बिटकॉइन की तुलना में यहां कुछ advanced और Modern विशेषताएं हैं।
उदाहरण के लिए, "instantsend" और "privatesend" आदि। instantsend के मामले में, User आसानी से अपना लेनदेन पूरा कर सकता है।
इस नई क्रिप्टोकरेंसी की विशेषताएं लगभग बिटकॉइन जैसी ही हैं। फिलहाल 1 Litecoin की कीमत 10 से 15 हजार रुपये के आसपास है। ब्लॉक जेनरेशन टाइम के लिहाज से बिटकॉइन और लिटकोइन में खास अंतर है।
लिटकोइन नेटवर्क 2.5 मिनट में ब्लॉक जेनरेट करता है। जबकि, बिटकॉइन नेटवर्क को ब्लॉक जेनरेट करने में 10 मिनट का समय लगता है। इसलिए, बिटकॉइन की तुलना में लाइटकोइन में लेनदेन की पुष्टि अधिक तेज़ी से होती है।
Dogecoin (Doge)
डॉगकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है जिसका आविष्कार सॉफ्टवेयर इंजीनियर billy marcus और jackson palmer ने किया था। उन्होंने एक तेज़, मज़ेदार और free payment system बनाने के लक्ष्य के साथ 6 दिसंबर, 2013 को Dogecoin (Doge) जारी किया।
डॉगकोइन का Logo में लोकप्रिय shiba dog का चेहरा दिखाया गया है। वर्तमान में डॉगकोइन का मूल्य बहुत कम है। वर्तमान में भारत में 1 DOGE = 0.62 रुपये और 3 DOGE = 1.85 रुपये है। लाइटकॉइन की तरह यहां भी script algorithm का इस्तेमाल किया जाता है।
Faircoin (FAIR)
फेयरकॉइन और बिटकॉइन ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करते हैं। हालांकि, कहा जाता है कि यह बिटकॉइन से बेहतर प्रदर्शन करता है। यहां बहुत कम Energy का उपयोग करके तेज और सुरक्षित लेनदेन किया जाता है। फेयरकॉइन में Currencies को Validate करने के लिए "proof-of-work" के बजाय "proof-of-stake" या "Proof-of-Cooperation" का उपयोग किया जाता है।
Dash (DASH)
Dash एक ओपन सोर्स क्रिप्टोकरेंसी है। इसके पिछले नाम Xcoin और Darkcoin थे। "डैश" नाम का अर्थ दो शब्दों के "Digital" और "Cash" का एक Combination है। यह बिटकॉइन की तरह एक peer-to-peer cryptocurrency है जो ओपन सोर्स है। हालांकि, निश्चित रूप से बिटकॉइन की तुलना में यहां कुछ advanced और Modern विशेषताएं हैं।
उदाहरण के लिए, "instantsend" और "privatesend" आदि। instantsend के मामले में, User आसानी से अपना लेनदेन पूरा कर सकता है।
जबकि, PrivateSend के मामले में, प्रत्येक लेनदेन पूरी तरह से सुरक्षित होता है जहाँ Users की Privacy पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
DASH में "X11" नामक एक अलग प्रकार के Algorithm का उपयोग किया जाता है। इस वजह से आप बहुत कम powerful hardware का उपयोग करके, लोग अपनी Currencies को माइन कर सकते हैं।
Peercoin को PPCoin या PPC भी कहा जाता है। यह बिटकॉइन की तरह ही पीयर-टू-पीयर क्रिप्टोकरेंसी है। यहां, लेनदेन को सत्यापित करने के लिए प्रूफ-ऑफ-स्टेक और प्रूफ-ऑफ-वर्क सिस्टम दोनों का उपयोग किया जाता है।
Peercoin भी बिटकॉइन की तरह SHA-256 ALGORITHM का उपयोग करता है। इसमें किसी भी लेन-देन या Validation के लिए बहुत कम Energy की आवश्यकता होती है।
यह क्रिप्टोक्यूरेंसी 2012 में ओपन सोर्स प्रोटोकॉल के आधार पर जारी की गई थी। Ripple एक Real-time gross settlement system है। यह दुनिया में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी में से एक है। इसका 10 बिलियन डॉलर से अधिक मार्केट शेयर है।
2014 में जारी, यह क्रिप्टोकरेंसी मुख्य रूप से privacy पर केंद्रित है। यह क्रिप्टोकरेंसी विंडोज, मैक, लिनक्स, एंड्रॉइड और FreeBSD जैसे हर सिस्टम पर काम करती है।
Peercoin (PPC)
Peercoin को PPCoin या PPC भी कहा जाता है। यह बिटकॉइन की तरह ही पीयर-टू-पीयर क्रिप्टोकरेंसी है। यहां, लेनदेन को सत्यापित करने के लिए प्रूफ-ऑफ-स्टेक और प्रूफ-ऑफ-वर्क सिस्टम दोनों का उपयोग किया जाता है।
Peercoin भी बिटकॉइन की तरह SHA-256 ALGORITHM का उपयोग करता है। इसमें किसी भी लेन-देन या Validation के लिए बहुत कम Energy की आवश्यकता होती है।
Ripple (XRP)
यह क्रिप्टोक्यूरेंसी 2012 में ओपन सोर्स प्रोटोकॉल के आधार पर जारी की गई थी। Ripple एक Real-time gross settlement system है। यह दुनिया में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी में से एक है। इसका 10 बिलियन डॉलर से अधिक मार्केट शेयर है।
Monero (XMR)
2014 में जारी, यह क्रिप्टोकरेंसी मुख्य रूप से privacy पर केंद्रित है। यह क्रिप्टोकरेंसी विंडोज, मैक, लिनक्स, एंड्रॉइड और FreeBSD जैसे हर सिस्टम पर काम करती है।
बिटकॉइन को हाई-एंड सीपीयू और हार्डवेयर के उपयोग की आवश्यकता होती है। जबकि, मोनेरो के मामले में, consumer level के सीपीयू और हार्डवेयर का उपयोग किया जा सकता है।
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क्रिप्टोकरेंसी के लाभ
- वास्तव में, क्रिप्टोक्यूरेंसी धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम है।
- इसे आम डिजिटल पेमेंट से ज्यादा सुरक्षित कहा जा सकता है।
- अपने मोबाइल के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन करना संभव है।
- अन्य payment options की तुलना में, यहां transaction fee बहुत कम है।
- क्रिप्टोग्राफ़ी एल्गोरिथम के उपयोग के परिणामस्वरूप, खाते अधिक सुरक्षित हैं।
- peer-to-peer payment system किसी बाहरी स्रोत या authority के Approval के बिना, नेटवर्क के भीतर दुनिया में कहीं से भी Payment भेजना और प्राप्त करना संभव बनाती है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान
- एक बार जब क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से लेन-देन हो जाता है, तो इसे Revert करना संभव नहीं होता है।
- यदि आपकी करेंसी वॉलेट आईडी खो जाती है, तो उसे वापस पाना असंभव है। इस तरह आपके Wallet की करेंसी खो जाएगी।
- यह एक digital technology भी है और इसलिए cyber security में गड़बड़ी के परिणामस्वरूप हैकिंग की कुछ संभावना है।
- चूंकि क्रिप्टोक्यूरेंसी पर सरकारी अधिकारियों का कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए इन डिजिटल तकनीकों में निवेश करना एक जोखिम भरा व्यवसाय है।
FAQs;
कौन सी क्रिप्टोकरेंसी खरीदनी चाहिए?
आजके तरीका में बहुत सी क्रिप्टोकोर्रेंसी आ गया है लेकिन Bitcoin बहुत पुराण है तो अगर आपको क्रिप्टोकरेंसी लेना है तो आप Bitcoin ले सकते है।
भारत की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है?
यदि बात की जाये की भारत की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है तो इसका जवाब है "CBDC" जी है CBDC यानि "Central Bank Digital Currency" और यही है भारत के एक मात्र क्रिप्टो करेंसी।
क्रिप्टो करेंसी का आज का रेट क्या है?
क्रिप्टो करेंसी ा;अलग अलग होते है और इसका रेट भी ऊपर नीच होते रहते है यदि आपको क्रिप्टो करेंसी का आज का रेट जानना है तो btc to inr सर्च करना है गूगल पर आपको रेट मिल जायेगा।
आज हमने क्या सीखा?
आज इस पोस्ट में मैने बताया की Cryptocurrency क्या है (Cryptocurrency meaning in Hindi)? और क्रिप्टोकरेंसी कितनी प्रकार की होती है।आशा करता हूं यह जानकारी आपके लिए हेल्पफुल होगी। यदि आप अभी भी cryptocurrency से जुड़ा कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो हमें कमेंट के माध्यम से बताएं।
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