26 तारीख को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? हमारा संविधान 26 जनवरी को ही लागू क्यों हुआ था? Gantantra Diwas Kyu Manaya Jata Hai?
नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सब, उम्मीद करता हूं आप खुश होंगे, और अपने परिवार के साथ स्वस्थ होंगे, आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है? इसके साथ-साथ हम गणतंत्र दिवस के बारे में विस्तार से जानेंगे।
दोस्तों यह आर्टिकल बहुत ही मजेदार होने वाला है, इसलिए आर्टिकल को आखिर तक ध्यान से पढ़िएगा, तो चलिए दोस्तों वक्त जाया ना करते हुए, आर्टिकल को जल्द से जल्द शुरू करते हैं, और देखते हैं कि 26 जनवरी के दिन ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? उम्मीद है आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आयेगा।
दोस्तों जैसा कि आपको पता है कि गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है, और यह पर्व हर साल 26 जनवरी को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, और इस साल हम अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि 26 जनवरी 1950 को ही हमारे संविधान को लागू किया गया था।
और सही मायने में इसी दिन भारत प्रभुत्व संपन्न गणराज्य बना था, इसी कारण 26 तारीख को 'संविधान के प्रारंभ की तारीख' कहा जाता है, जब से भारत का संविधान 26 जनवरी को लागू हुआ, तब से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है, हर साल 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन सरकारी अवकाश होता है।
दोस्तों 26 जनवरी का दिन हमारे लिए बहुत ही खास है, हम हर साल 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाते हैं, राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर तिरंगा फहराते हैं।
गणतंत्र दिवस के दिन पूरे देश में खुशियों का माहौल रहता है, और इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, गणतंत्र दिवस के दिन लोग सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान को गाते हैं।
हर साल 26 जनवरी के दिन India Gate से लेकर राष्ट्रपति भवन तक भव्य परेड की जाती है, और इस परेड में भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना की अलग-अलग रेजीमेंट्स हिस्सा लेती हैं, इसके अलावा झांकियों का भी प्रदर्शन किया जाता है, जो हमें हर राज्य की अलग अलग झलक दिखाती हैं।
26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है, सलामी को राष्ट्रगान के साथ शुरू किया जाता है, और इसी के साथ सलामी को समाप्त किया जाता है।
21 तोपों की सलामी देने के लिए भारतीय सेना की 7 तोपों को इस्तेमाल किया जाता है, और प्रत्येक तोप से 3 फायर किए जाते हैं, इसी दिन राष्ट्रपति के द्वारा भारत रतन, परमवीर चक्र, अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे पुरस्कारों को वितरित किया जाता है।
और इसके साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्र में अद्भुत बहादुरी दिखाने वाले बच्चों को वीरता पुरस्कार से भी नवाजा जाता है, जिसकी शुरुआत सन 1957 में की गई थी।
वैसे तो संविधान 26 नवंबर 1949 को पूरी तरह तैयार हो गया था लेकिन इसे 2 महीने बाद 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था, दोस्तों भारतीय गणतंत्र का इतिहास कई साल पुराना है, जिसे सन 1930 में शुरू किया गया था, उसके बाद से सन 1930 से लेकर 15 अगस्त 1947 तक स्वतंत्रता दिवस को 'पूर्ण स्वराज दिवस' यानी 26 जनवरी के दिन ही मनाया जाता था।
संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी की ही तारीख इसलिए तय की गई थी, 26 जनवरी 1930 को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ 'पूर्ण स्वराज' का ऐलान कर दिया था, और सबसे पहले 26 जनवरी 1930 को ही 'पूर्ण स्वराज दिवस' मनाया गया था, और इसी दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर में रावी नदी के किनारे तिरंगा फहराया था।
साल 1930 में 26 जनवरी के दिन पूरे देश ने पूर्ण स्वतंत्रता के लिए एक दृढ़ निश्चय ले लिया था, और ठान लिया था कि स्वतंत्रता हासिल करके ही रहेंगे, लेकिन इस सब की शुरुआत ठीक 1 साल पहले 26 जनवरी 1929 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में हुई थी, और उस वक्त पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता वाले अधिवेशन में पूर्ण स्वराज को एक मुख्य लक्ष्य के रूप में घोषित कर दिया गया था, और उसी दिन ऐलान कर दिया गया था कि अगर अंग्रेजी हुकूमत 26 जनवरी 1930 को उनका प्रभुत्व नहीं देती है।
तो भारत स्वयं को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर देगा, यही कारण है कि 26 जनवरी का दिन भारत और भारतीयों के लिए बहुत ज्यादा मायने रखता है।
जब भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली थी, तब हमारे देश के नेता चाहते थे कि 26 जनवरी को इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में याद किया जाए, इसी वजह से 'स्वराज' के लिए 26 जनवरी का दिन चुना गया था, और स्वतंत्रता के बाद पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था।
26 जनवरी 1950 के दिन ही देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने इक्कीस तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रध्वज (तिरंगा) फहराया था।
भारत की स्वतंत्रता के पश्चात संविधान सभा की घोषणा हुई, और इसने 9 दिसंबर 1947 से अपना काम करना शुरू कर दिया था, और उसके बाद संविधान सभा के जरिए भारत का संविधान 2 साल 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था।
भारत के संविधान सभा की अध्यक्षता डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की थी, और भारत रत्न भीमराव अंबेडकर जी ने भारत के संविधान का मसौदा तैयार किया था, और आपको बता दें कि भारत रत्न भीमराव अंबेडकर जी को भारत के संविधान का वास्तुकार (Architect) भी माना जाता है।
24 जनवरी 1950 को कमेटी के 308 सदस्यों ने कई सुधारों और बदलावों के बाद हाथ से लिखी 2 कॉपियों पर हस्ताक्षर किए थे, और उसके 2 दिन बाद 26 जनवरी को भारत का संविधान देश में लागू हो गया था।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के संविधान को तैयार करने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था, भारत के संविधान में कुल 448 आर्टिकल हैं, और इसी वजह से भारत का संविधान दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान माना जाता है।
भारत के संविधान की एक हिंदी कॉपी और एक अंग्रेजी कॉपी को हाथ से लिख कर तैयार किया गया था, भारत के संविधान को तैयार करने के लिए हमारे देश के नेताओं ने दुनिया के अलग-अलग देशों के संविधान से मुख्य तथ्यों को उठाकर हमारे देश के संविधान में शामिल किया था, जैसे कि समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे की अवधारणा को फ्रांस के संविधान से अपनाया गया है।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय संविधान लागू होने से पहले तक हमारा देश British Government of India Act 1935 के नियमों का पालन करता था, लेकिन बाद में हमारा देश आजाद हो गया, और सन 1950 में भारतीय संविधान को लागू किया गया।
भारत के संविधान को तैयार करने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था
तो दोस्तों कैसा लगा आपको हमारा यह आर्टिकल, आज के इस आर्टिकल में हमने जाना कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? गणतंत्र दिवस हमारे लिए इतना खास क्यों हैं? इसके साथ-साथ हमने और भी महत्वपूर्ण चीजों के बारे में चर्चा की है जैसे कि स्वराज दिवस का इतिहास, भारत के संविधान को 26 जनवरी के दिन ही लागू क्यों किया गया था?
दोस्तों हमारी हमेशा से यही कोशिश रही है कि हम आपके सामने संपूर्ण और सही जानकारी विस्तार पूर्वक तरीके से रखें, और आपको आपके हर सवाल का जवाब मिल पाए, अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है और हमारे द्वारा आर्टिकल में दी गई जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे अपने दोस्तों और करीबियों के साथ जरूर शेयर करना।
उम्मीद करता हूं कि आपको सब कुछ सही समझ आया होगा, और आपने अच्छे से जान लिया होगा कि 26 तारीख को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है, और अगर आपका अभी भी कोई सवाल बाकी रह गया है, या आप हमसे कुछ और जानकारी जानना चाहते हैं, तो आप आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं, हम आपके कमेंट का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे।
आज के लिए इतना काफी होगा, अब हम मिलेंगे किसी नए आर्टिकल में नए टॉपिक के साथ।
जय हिंद, जय भारत।
दोस्तों यह आर्टिकल बहुत ही मजेदार होने वाला है, इसलिए आर्टिकल को आखिर तक ध्यान से पढ़िएगा, तो चलिए दोस्तों वक्त जाया ना करते हुए, आर्टिकल को जल्द से जल्द शुरू करते हैं, और देखते हैं कि 26 जनवरी के दिन ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? उम्मीद है आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आयेगा।
दोस्तों जैसा कि आपको पता है कि गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है, और यह पर्व हर साल 26 जनवरी को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, और इस साल हम अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि 26 जनवरी 1950 को ही हमारे संविधान को लागू किया गया था।
और सही मायने में इसी दिन भारत प्रभुत्व संपन्न गणराज्य बना था, इसी कारण 26 तारीख को 'संविधान के प्रारंभ की तारीख' कहा जाता है, जब से भारत का संविधान 26 जनवरी को लागू हुआ, तब से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है, हर साल 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन सरकारी अवकाश होता है।
26 जनवरी का दिन खास क्यों है?
दोस्तों 26 जनवरी का दिन हमारे लिए बहुत ही खास है, हम हर साल 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाते हैं, राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर तिरंगा फहराते हैं।
गणतंत्र दिवस के दिन पूरे देश में खुशियों का माहौल रहता है, और इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, गणतंत्र दिवस के दिन लोग सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान को गाते हैं।
हर साल 26 जनवरी के दिन India Gate से लेकर राष्ट्रपति भवन तक भव्य परेड की जाती है, और इस परेड में भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना की अलग-अलग रेजीमेंट्स हिस्सा लेती हैं, इसके अलावा झांकियों का भी प्रदर्शन किया जाता है, जो हमें हर राज्य की अलग अलग झलक दिखाती हैं।
26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है, सलामी को राष्ट्रगान के साथ शुरू किया जाता है, और इसी के साथ सलामी को समाप्त किया जाता है।
21 तोपों की सलामी देने के लिए भारतीय सेना की 7 तोपों को इस्तेमाल किया जाता है, और प्रत्येक तोप से 3 फायर किए जाते हैं, इसी दिन राष्ट्रपति के द्वारा भारत रतन, परमवीर चक्र, अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे पुरस्कारों को वितरित किया जाता है।
और इसके साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्र में अद्भुत बहादुरी दिखाने वाले बच्चों को वीरता पुरस्कार से भी नवाजा जाता है, जिसकी शुरुआत सन 1957 में की गई थी।
26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है? संविधान को 26 जनवरी को ही लागू क्यों किया गया था?
वैसे तो संविधान 26 नवंबर 1949 को पूरी तरह तैयार हो गया था लेकिन इसे 2 महीने बाद 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था, दोस्तों भारतीय गणतंत्र का इतिहास कई साल पुराना है, जिसे सन 1930 में शुरू किया गया था, उसके बाद से सन 1930 से लेकर 15 अगस्त 1947 तक स्वतंत्रता दिवस को 'पूर्ण स्वराज दिवस' यानी 26 जनवरी के दिन ही मनाया जाता था।
संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी की ही तारीख इसलिए तय की गई थी, 26 जनवरी 1930 को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ 'पूर्ण स्वराज' का ऐलान कर दिया था, और सबसे पहले 26 जनवरी 1930 को ही 'पूर्ण स्वराज दिवस' मनाया गया था, और इसी दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर में रावी नदी के किनारे तिरंगा फहराया था।
साल 1930 में 26 जनवरी के दिन पूरे देश ने पूर्ण स्वतंत्रता के लिए एक दृढ़ निश्चय ले लिया था, और ठान लिया था कि स्वतंत्रता हासिल करके ही रहेंगे, लेकिन इस सब की शुरुआत ठीक 1 साल पहले 26 जनवरी 1929 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में हुई थी, और उस वक्त पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता वाले अधिवेशन में पूर्ण स्वराज को एक मुख्य लक्ष्य के रूप में घोषित कर दिया गया था, और उसी दिन ऐलान कर दिया गया था कि अगर अंग्रेजी हुकूमत 26 जनवरी 1930 को उनका प्रभुत्व नहीं देती है।
तो भारत स्वयं को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर देगा, यही कारण है कि 26 जनवरी का दिन भारत और भारतीयों के लिए बहुत ज्यादा मायने रखता है।
जब भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली थी, तब हमारे देश के नेता चाहते थे कि 26 जनवरी को इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में याद किया जाए, इसी वजह से 'स्वराज' के लिए 26 जनवरी का दिन चुना गया था, और स्वतंत्रता के बाद पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था।
26 जनवरी 1950 के दिन ही देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने इक्कीस तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रध्वज (तिरंगा) फहराया था।
भारत की स्वतंत्रता के पश्चात संविधान सभा की घोषणा हुई, और इसने 9 दिसंबर 1947 से अपना काम करना शुरू कर दिया था, और उसके बाद संविधान सभा के जरिए भारत का संविधान 2 साल 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था।
भारत के संविधान सभा की अध्यक्षता डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की थी, और भारत रत्न भीमराव अंबेडकर जी ने भारत के संविधान का मसौदा तैयार किया था, और आपको बता दें कि भारत रत्न भीमराव अंबेडकर जी को भारत के संविधान का वास्तुकार (Architect) भी माना जाता है।
24 जनवरी 1950 को कमेटी के 308 सदस्यों ने कई सुधारों और बदलावों के बाद हाथ से लिखी 2 कॉपियों पर हस्ताक्षर किए थे, और उसके 2 दिन बाद 26 जनवरी को भारत का संविधान देश में लागू हो गया था।
संविधान के बारे में कुछ दिलचस्प बातें
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के संविधान को तैयार करने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था, भारत के संविधान में कुल 448 आर्टिकल हैं, और इसी वजह से भारत का संविधान दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान माना जाता है।
भारत के संविधान की एक हिंदी कॉपी और एक अंग्रेजी कॉपी को हाथ से लिख कर तैयार किया गया था, भारत के संविधान को तैयार करने के लिए हमारे देश के नेताओं ने दुनिया के अलग-अलग देशों के संविधान से मुख्य तथ्यों को उठाकर हमारे देश के संविधान में शामिल किया था, जैसे कि समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे की अवधारणा को फ्रांस के संविधान से अपनाया गया है।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय संविधान लागू होने से पहले तक हमारा देश British Government of India Act 1935 के नियमों का पालन करता था, लेकिन बाद में हमारा देश आजाद हो गया, और सन 1950 में भारतीय संविधान को लागू किया गया।
गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है पूरी जानकारी वीडियो में
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है - FAQs:
भारत के संविधान को तैयार करने में कितने समय लगा था?
भारत के संविधान को तैयार करने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था
भारत के संविधान कब लागू हुआ था?
भारत के संविधान 26 जनवरी 1950 को लागु हुआ था।
भारतीय संविधान का हस्त लिखित किसने किया?
प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा हिंदी तथा English दोनों भाषाओं में भारत के संविधान हाथ से लिखा गया था।
भारतीय के संविधान का फाइनल ड्राफ्ट किसने तैयार किया था?
बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा भारतीय संविधान का फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया गया था और इसको तैयार करने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।
भारत के संविधान का निर्माता कौन है?
यदि बात करे संविधान का निर्माता कौन है तो इसका जवाब है "डॉ. भीमराव अंबेडकर".
1947 से पहले 26 जनवरी को क्या कहा जाता था?
1947 से पहले 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज दिवस कहा जाता था।
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आज हमने क्या जाना?
तो दोस्तों कैसा लगा आपको हमारा यह आर्टिकल, आज के इस आर्टिकल में हमने जाना कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? गणतंत्र दिवस हमारे लिए इतना खास क्यों हैं? इसके साथ-साथ हमने और भी महत्वपूर्ण चीजों के बारे में चर्चा की है जैसे कि स्वराज दिवस का इतिहास, भारत के संविधान को 26 जनवरी के दिन ही लागू क्यों किया गया था?
दोस्तों हमारी हमेशा से यही कोशिश रही है कि हम आपके सामने संपूर्ण और सही जानकारी विस्तार पूर्वक तरीके से रखें, और आपको आपके हर सवाल का जवाब मिल पाए, अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है और हमारे द्वारा आर्टिकल में दी गई जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे अपने दोस्तों और करीबियों के साथ जरूर शेयर करना।
उम्मीद करता हूं कि आपको सब कुछ सही समझ आया होगा, और आपने अच्छे से जान लिया होगा कि 26 तारीख को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है, और अगर आपका अभी भी कोई सवाल बाकी रह गया है, या आप हमसे कुछ और जानकारी जानना चाहते हैं, तो आप आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं, हम आपके कमेंट का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे।
आज के लिए इतना काफी होगा, अब हम मिलेंगे किसी नए आर्टिकल में नए टॉपिक के साथ।
जय हिंद, जय भारत।
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