दोस्तों सिलाई मशीन तो सभी के घरों में होती है, सिलाई मशीन का प्रयोग ज्यादातर महिलाओं द्वारा ही किया जाता है, आम घरों में प्रयोग होने वाली सिलाई मशीनों के बहुत सारे अलग-अलग प्रकार के मॉडल आते हैं।
21वीं सदी के तिर्व गति से बदलते हुए संसार में सिलाई मशीन बहुत एडवांस हो चुकी है, अब आपने इलेक्ट्रॉनिक सिलाई मशीनें भी देखी होंगी, बहुत सारी सिलाई मशीनें तो आपको ऐसी भी मिल जाएंगे जो 3D प्रिंटिंग के साथ आती है, लेकिन क्या आपको पता है की पहली बार सिलाई मशीन किसने बनाया और कब बनाई गई थी और इसके आविष्कारक कौन थे?
दोस्तों कैसे हैं आप सब, आज के आर्टिकल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है, आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं कि सिलाई मशीन का आविष्कार किसने किया? हम आपको आज सिलाई मशीन के बारे में पूरी इंफॉर्मेशन देंगे और आपको सिलाई मशीन के आविष्कारक के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि इसका आविष्कार कब किया गया था और इसके कौन-कौन से मॉडल किस जमाने में बने हैं, और समय के साथ सिलाई मशीन में क्या क्या बदलाव हुए, पूरी जानकारी के लेने के लिए आर्टिकल को आखिर तक जरूर देखें, चलिए दोस्तों आर्टिकल शुरू करते हैं।
सिलाई मशीन का आविष्कार किसने किया?
पुराने हड़प्पाकालीन घरों और पुरानी पेंटिंग से हमें यह ज्ञात होता है कि लगभग 20,000 साल पहले लोगों ने हाथ से सिलाई शुरू कर दी थी, शुरुआत में सिलाई के लिए सुइयों को हड्डियों और जानवरों के सींगो से बनाया जाता था, वहीं धागा बनाने के लिए खास किस्म के जानवर की नसों का प्रयोग किया जाता था, इतिहास बहुत कड़वा है लेकिन इंसान ने सुई धागा बनाने के लिए बहुत सारे जानवरों की जान ली है, क्योंकि उस समय तक सुई को बनाने के लिए कोई मेटल उपस्थित नहीं था, और धागे के लिए कोई फैब्रिक नहीं था।
दोस्तों सभी मशीनों का आविष्कार लगभग 16वीं से 19वीं शताब्दी के बीच में ही अधिक हुआ है, 16वीं शताब्दी से छोटी बड़ी मशीनों के कलपुर्जे बनने शुरू हो चुके थे, इंसान ने लगभग अपने सभी काम को ऑटोमेट करने की कोशिश की थी, आप सोच रहे होंगे कि आपके घर में प्रयोग होने वाली सिलाई मशीन को ही सबसे पहले बनाया गया था, लेकिन ऐसा नहीं है, सबसे पहले बड़े बड़े कारखानों में इस्तेमाल होने वाली बड़ी-बड़ी मशीनों को बनाया गया था और उन बड़ी मशीनों के मॉडल के आधार पर छोटी हाथ से उपयोग करने वाली मशीनों को बनाया गया, जो कि आप घरों में प्रयोग करते हैं और जो समय के साथ बदल रही हैं।
दुनिया के पहली सिलाई मशीन
एक जर्मन वैज्ञानिक जिनका नाम चार्ल्स वीसेंथल था उन्होंने पहली बार सिलाई मशीन को बनाने की कोशिश की थी, लेकिन वे केवल कारखानों में काम आने वाले बड़े पुर्जे ही बना पाए थे, उनको कारखाने की मशीनें बनाने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा वित्तीय सहायता दी गई थी, 1755 में उन्होंने कढ़ाई के काम में प्रयोग होने वाली सिलाई मशीन बनाई, लेकिन उनकी मशीन में बहुत खामियां थी, लेकिन पहले सिलाई मशीन के रूप में यह कारगर साबित हुई जब यह मशीन बड़े बड़े कारखानों में सेटअप की गई तो उद्योग पतियों को काफी फायदा हुआ, क्योंकि उन्हें बहुत कम मजदूर रखने पड़ते थे, यह मशीन शानदार कपड़ा तो नहीं बना सकती थी, लेकिन कपड़ा बनाने में कुछ हद तक मदद जरूर कर देती थी।
इस एक जर्मन वैज्ञानिक ने लोगों को सोचने के लिए मजबूर किया और बाकी वैज्ञानिकों को उत्साहित किया चार्ल्स की मशीन तो सक्सेसफुल नहीं हुई लेकिन उनका आईडिया काफी जबरदस्त था बहुत लोग चार्ल्स विंसेथल को ही सुरुआती सिलाई मशीन का आविष्कार मानते है, उस समय वैज्ञानिकों ने काफी कोशिश की लेकिन किसी भी प्रकार की सिलाई मशीन बनाने में असफल रहे थे, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा हो गया था कि अगर कभी मशीन बनकर तैयार होगी तो वह चार्ल्स के बनाए गए मॉडल के आधार पर ही काम करेगी या उस में कुछ बदलाव करके बनाई जा सकती है यानी कि चार्ल्स ने ही शुरुआत में वैज्ञानिकों को मशीन बनाने के लिए उत्सुक किया था।
सिलाई मशीन का पहला मॉडल
1795 में पहली बार सिलाई मशीन का सफल मॉडल बनकर तैयार हुआ था, इसका सारा श्रेय थॉमस सेंट को जाता है, Thomas Saint ने एक सफल सिलाई मशीन का मॉडल तैयार कर लिया था लेकिन वह इसे लोगों को सही से समझा नहीं पाए थे या यूं कह सकते हैं कि उस समय तक लोगों के मन में इस मशीन को लेकर इतनी दिलचस्पी नहीं थी, इसका एक कारण यह भी है कि उनकी शुरुआती मशीन केवल कैनवास और चमड़े जैसे सामग्रियों पर इस्तेमाल की जाती थी उनके पास एक सही चलने वाली और कामकाजी मॉडल मशीन तो थी ही जो कि आगे चलकर कपड़े पर भी चलने लगी थी, बाद में कपड़े पर चलने वाले जो मशीन बनाई गई थी वह उन्हीं के मॉडल के आधार पर थी यानी कि हम थॉमस एंड को सिलाई मशीन के आविष्कारक कह सकते हैं, लेकिन उन्हें सफल सिलाई मशीन के आविष्कारक नहीं कह सकते क्योंकि उन्होंने केवल एक मॉडल तैयार किया था जो कि कपड़े पर काम नहीं करता था।
उनकी कोशिश थी कि हाथ से किए जाने वाले सिलाई के कामों को कम किया जा सके कपड़ों पर सिलाई करना बहुत आसान था इसलिए शायद उन्होंने इसके लिए अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, उस समय तक चमड़े जैसी चीजों पर सिलाई करना बहुत ज्यादा मुश्किल था इसीलिए उन्होंने अपनी मशीन को काफी ताकतवर और मोटी सुई वाला बनाया था ताकि वह मोटे कैनवस को भी आसानी से सील सके।
सिलाई मशीन के असल आविष्कारक कौन थे?
पहली सफल और असल सिलाई मशीन का आविष्कार फ्रांसीसी दर्दी बार्थेलेमी थिमोनियर द्वारा 1830 में किया गया था।
बार्थेलेमी थिमोनियर ने आज के समय में प्रयोग होने वाली मशीन के जैसे ही एक दागे और एक सुई जोकि सटल के आसपास घूमती थी उसके जैसी ही फंक्शनल मशीन बनाई थी, जोकि बिल्कुल आज की सिलाई मशीन के जैसे ही एक लंबी कतार में सिलाई करती थी।
लेकिन ऐसे महाना कारीगर को उनके ही समूह द्वारा मार दिया गया था, क्योंकि उनके दर्जी समूह का मानना था कि उनके द्वारा बनाई कई मशीन अगर सफल हो गई और चारों तरफ फैल गई तो दर्जियों का कारोबार खत्म हो जाएगा, इसलिए उन्होंने बार्थेलेमी को मार दिया और उनके कारखाने को भी जला दिया।
Walter Hunt and Elias Howe
दोस्तों वाल्टर हंट और एलियस हावे की कहानी भी काफी प्रचलित है माना जाता है की जर्मन वैज्ञानिक की मौत के लगभग 4 साल बाद 1834 में वाल्टर हंट ने सिलाई मशीन पर दोबारा काम कर दिया था उन्होंने कंप्लीट मशीन तो बना ली थी लेकिन उन्होंने इसे अपने नाम पेटेंट नहीं करवाया था, क्योंकि उनका भी मानना था कि इस मशीन द्वारा लोगों का रोजगार चला जाएगा।
लेकिन 1836 में एलियस होवे नामक वैज्ञानिक ने वाल्टर हंट द्वारा बनाई गई मशीन पर दोबारा काम करना शुरू कर दिया था उन्होंने सफल मशीन तो बना ली थी लेकिन वह अपने पेटेंट को साबित नहीं कर पाए थे।
एलियंस होवे द्वारा बनाई गई मशीन काफी सफल रही थी क्योंकि उनकी मशीन आज की मशीन की तरह दो तरह के धागे एक साथ लेकर सिलाई की एक लंबी कतार बनाती थी।
उन्होंने इसे अपने नाम पेटेंट तो करवा लिया था लेकिन इस को साबित करना और मशीन की मार्केटिंग करने के लिए अगले 9 सालों तक काफी जद्दोजहद की थी।
Isaac Singer vs. Elias Howe
आज आप जो सिलाई मशीन देख रहे हैं यह अलग-अलग कार्यक्रमों द्वारा बनाई गई है इस मशीन में प्रयोग होने वाला अप एंड डाउन सिस्टम इसाक सिंगर द्वारा बनाया गया था वही लॉकस्टिच एलियास होवे ने बनाया, मशीन में आप जो घूमता हुआ सटल देखते हैं वह ऐलन विल्सन द्वारा बनाया गया था।
1850 तक किसी भी प्रकार की सिलाई मशीन का ऑफिशियल तौर पर उत्पादन नहीं किया जाता था Isaac Singer ने पहली सफल व्यापार करने वाली सिलाई मशीनें बनाई थी, इसाक सिंगर ने जो मशीन बनाई थी वह मशीन हो वो आज की मशीन की तरह दिखती थी उनके द्वारा बनाई गई मशीन में पहली बार सोई आज की मशीन की तरह ऊपर नीचे होती थी, उन्होंने हाथों के साथ-साथ पैरों द्वारा चलने वाली मशीनें भी बना ली थी जो कि आप आजकल दर्जियों के पास आसानी से देख पाएंगे।
मशीनों के असल रचयिता को लेकर अभी भी बहुत अफरा तफरी समझी जाती है क्योंकि कई वैज्ञानिकों ने कोर्ट में अपने आप को साबित करने के लिए लड़ाई लड़ी है, क्योंकि इसाक सिंगर ने अपनी मशीनों में उस लैकस्टिक सिस्टम का प्रयोग किया था जिसे होवे ने बनाया था।
इसके बाद एलियस हो गए ने इसाक सिंगर पर अपने पेटेंट को कॉपी करने का केस ठोक दिया था, 18 सो 56 में होवे ने इस मुकदमे को आसानी से जीत लिया था क्योंकि वह पहले मशीन का पेटेंट करवा चुके थे इसलिए लॉकस्टिक वाला सिस्टम उन्हीं के नाम पर था।
मशीन तो एलियस होवे द्वारा भी नहीं बनाई गई थी, वह मुकदमा तो जीत गए थे लेकिन लोगों का मानना था कि मशीन की रचना तो हंट ने की थी, लेकिन जब कोर्ट में इसाक सिंगर हार गया तो उसे एलियस होवे द्वारा बनाई गई वस्तु का पेटेंट चोरी करने के बदले रॉयल्टी का भुगतान करना पड़ गया।
इन्हीं के बीच एक और वैज्ञानिक जॉन फिशर का नाम भी शामिल है जॉन फिशर ने एक फीता बनाने वाली सिलाई मशीन के लिए पेटेंट हासिल किया था वह मशीन भी हो गए और सिंगर द्वारा बनाएगी मशीनों के जैसी ही थी यदि जॉन फिशर का पेटेंट कोर्ट में खो नहीं जाता तो जॉन फिशर भी मशीन के हिस्सेदार होते हैं।
First Electric Silai Machine? पहली इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन
1889 में मशीन के रचीयता सिंगर द्वारा पहली इलेक्ट्रिक मशीनें बनाई गई थी लेकिन यह मशीनें वजन में बहुत ज्यादा थी और केवल कारखानों में ही प्रयोग हो सकती थी उस समय तक हर एक घर में भी इलेक्ट्रिसिटी का प्रभाव नहीं था, इसलिए इन मशीनों को पोर्टेबल नहीं बनाया गया था 1930 आते-आते सिलाई मशीन वजन में काफी हल्की और पोर्टेबल हो चुकी थी।
1930 तक सिलाई मशीनें सिलाई के लिए प्रयोग होनी शुरू हो गई थी और घरों में टांका लगाने कपड़ा सिलने जैसे काम किए जाने शुरू हो गए थे।
भारत में सिलाई मशीन आविष्कार कब हुआ?
19वीं सदी के आखिर तक भारत में भी सिलाई मशीन आ चुकी थी और स्वतंत्रता के बाद भारत में भी सिलाई मशीनों के बड़े-बड़े कारखाने लगने शुरू हो गए थे अब आप जो घरों में मशीनें देखते हैं वह भारत में बनी हुई मशीनें ही है।
1935 में कोलकाता के एक कारखाने में उषा नाम की पहली भारतीय सिलाई मशीन बनाई गई थी जो पूरी तरह से भारतीय मशीन थी, इस मशीन के सभी पुर्जे पूरी तरह भारत में ही बनाए गए थे और अब तो भारत में मशीनों के बहुत बड़े-बड़े कारखाने हैं और भारत सिलाई मशीनें बाहर देशों को एक्सपोर्ट भी करता है।
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आज हमने क्या सीखा?
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने सिलाई मशीन के बारे में पूरी जानकारी ली है की सिलाई मशीन का आविष्कार किसने किया? इस आर्टिकल में हमने जाना कि सिलाई मशीन किसने बनाया यानि की सिलाई मशीन के आविष्कारक कौन है? और सिलाई मशीन का आविष्कार कब किया गया?
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