इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की और कब की थी? electron ki khoj kisne kiya tha aur kab? इलेक्ट्रॉन का खोज कैसे हुई और कब?
दोस्तों आजके इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं कि इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की? इलेक्ट्रॉन की खोज कैसे हुई? यह सवाल कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जा चुका है और आगे भी पूछे जाने की पूरी संभावना है।
तो इसी वजह से हम आपको इस पोस्ट में इलेक्ट्रॉन की खोज के बारे में विस्तार से बताऐंगे। साथ ही इस पोस्ट में आप यह भी जानेंगे की इलेक्ट्रॉन की खोज कैसे हुई? तो चलिए पोस्ट को शुरू करते हैं और सबसे पहले Electron की खोज (Discovery of Electron) पर नजर डालते हैं।
इलेक्ट्रॉन की खोज लगभग 1897 ईस्वी में वैज्ञानिक जोसेफ जॉन थॉमसन ने किया था। वे Electron के खोजकर्ता के रूप में व्यापक रूप से जाने जाते हैं। जे. जे. थॉमसन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रायोगिक भौतिकी के प्रोफेसर थे, और 1884 से 1919 तक कैवेंडिश प्रयोगशाला के निदेशक थे।
जॉन डाल्टन अपना परमाणुवाद का सिद्धांत 19वीं शताब्दी के शुरूआत में ही ले कर आए थे। जिसको कि बहुत लम्बे समय तक सभी लोगों के द्वारा मान्य रखा गया था। जॉन डाल्टन के परमाणुवाद सिद्धांत में उनके द्वारा यह कहा गया था कि पदार्थ की सबसे सूक्ष्म (छोटी) संरचनात्मक इकाई परमाणु है जो कि विभाजित नहीं है और नाशवान भी नहीं है।
लेकिन उसके कुछ समय बाद आज से लगभग 124 वर्ष पहले अप्रैल, 1897 ई. में ब्रिटिश के एक भौतिकी विषय के वैज्ञानिक जे. जे. थॉमसन (Sir Joseph John Thomson) ने क्रुक्स नलिका पर काम करते हुए एक बिल्कुल नए कण की खोज की जो कि ऋणावेशित था। इसी कण को Electron नाम दिया गया।
इलेक्ट्रॉन पहला ऐसा कण था जिसे परमाणु से भी छोटा पाया गया था। इसके पहले परमाणु को सबसे छोटा कण माना जाता था और उसके साथ यह भी माना जाता था की परमाणु को कभी भी विभाजित नहीं किया जा सकता। अर्थात् कभी भी बांटा नहीं जा सकता है, क्योंकि यह ही सबसे छोटा कण है।
लेकिन भौतिकवादी जे. जे. थॉमसन द्वारा 1897 ई. में इलेक्ट्रॉन की खोज के बाद इलेक्ट्रॉन को प्राथमिक कण माना जाने लगा और बताया गया की यही सबसे छोटा कण है। इसके बाद के प्रयोगों से पता चला की परमाणु केवल इलेक्ट्रॉन्स से ही नही बना होता है बल्कि इसमें नाभिक भी होता है। आपको बता दें की रदरफोर्ड नाम के वैज्ञानिक ने 1911 में नाभिक की खोज की और बताया की परमाणु में इलेक्ट्रान के अलावा नाभिक भी होता है।
जैसा कि आप जानते हैं कि पूरे ब्रह्माण्ड में में जो भी वस्तुएं हैं वह पदार्थ से बनी हैं। पदार्थ छोटे-छोटे अविभाज्य कणों से बना होता है जिसे परमाणु कहते हैं। और इलेक्ट्रॉन भी इसी परमाणु में आता है। electron, लेपटोन परिवार के पहली पीढ़ी का सदस्य है। यह ऋणात्मक विद्युत आवेश युक्त मूलभूत उपपरमाणविक कण है।
Electron को मूलभूत कण इसलिए माना जाता है क्योंकि इसकी आंतरिक संरचना ज्ञात ही नहीं है। यह परमाणु में नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाता है। इसका द्रव्यमान, सबसे छोटे परमाणु (जिसे हम हाइड्रोजन कहते हैं) से भी हजार गुना कम होता है।
इलेक्ट्रॉन के आवेश को ऋणात्मक माना जाता है। इसका द्रव्यमान, प्रोटॉन के द्रव्यमान का 1837 वां भाग होता है। सभी प्राथमिक कणों की तरह इलेक्ट्रॉन भी प्रायः कण और तरंग दोनो तरह के व्यवहार प्रदर्शित करता है। इलेक्ट्रॉन कई भौतिक घटनाओं, जैसे: रसायन, विज्ञान, बिजली, तापीय चालकता और चुंबकत्व में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। और वे विद्युत चुम्बकीय, गुरुत्वाकर्षण, आदि में भी भाग लेते हैं।
जैसा कि आपने पहले पढ़ा कि इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की?, और अब आप जानेंगे कि इलेक्ट्रॉन की खोज कैसे हुई?, तो आइए जानते हैं।
सन् 1897 ई. में जे. जे. थॉमसन ने इलेक्ट्रॉन की खोज करने में जिस नलिका का प्रयोग किया था वह पूरी तरह से शीशे की नलिका थी। उस शीशे की नलिका में धातु के दो इलेक्ट्रोड लगे थे। अगर किसी भी प्रकार की गैस या हवा को बाहर निकालना हो तो नली में यह भी व्यवस्था उचित रूप से थी। जिसको कि निर्वात पम्प की सहायता से निकाला जाता था।
जब नली में दबाव मिलीमीटर के हजारवें भाग के बराबर था। और इलेक्ट्रोड के सिरों को दस हजार वोल्ट से जोड़ा गया तो फिर यह पाया गया कि कैथोड से एक प्रकार की किरणें उत्पन्न होती हैं। ये किरणें सीधी रेखा में एनोड की तरफ गति करती हैं। तथा एनोड प्लेट के बीच में स्थित छेद से कुछ किरणें आगे जाकर धनात्मक प्लेट की ओर मुड़ जाती हैं। अतः इससे यह परिणाम निकाला गया कि यह कण ऋणावेशित हैं। चूंकि ये कैथोड से उत्पन्न थे अतः इनको कैथोड किरणें कहा गया था।
सर जे. जे. थॉमसन ने कई बार इलेक्ट्रोड की धातु बदलकर तथा नली में ली गयी गैस को बदलकर यह प्रयोग दोहराया किन्तु हर बार उन्हें एक ही बात देखने को मिली। अंत में इन कणों को ‘इलेक्ट्रॉन’ नाम दिया।
और इसके कुछ समय के बाद में इलेक्ट्रॉन का आवेश, इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान भी ज्ञात किया गया। जो कि आगे दिया गया है।
इलेक्ट्रॉन का आवेश:- 1.6×10 के घात (-19) कूलाम (c)
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान:- 9.109×10 के घात (-31) किलोग्राम (kg)।
इस शानदार उपलब्धि के लिए वैज्ञानिक जे. जे. थॉमसन को वर्ष 1906 ई. में भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। और उनकी इसी उपलब्धि के लिए हम सब जे. जे. थॉमसन को अब भी याद करते हैं।
आज इस पोस्ट में मैने बताया की Electron की खोज किसने की? आशा करता हूं आजका यह जानकारी आपको पसंद आया है, यदि आपको आजका यह जानकारी सही में पसंद आया है तो कृपा करके इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।
तो इसी वजह से हम आपको इस पोस्ट में इलेक्ट्रॉन की खोज के बारे में विस्तार से बताऐंगे। साथ ही इस पोस्ट में आप यह भी जानेंगे की इलेक्ट्रॉन की खोज कैसे हुई? तो चलिए पोस्ट को शुरू करते हैं और सबसे पहले Electron की खोज (Discovery of Electron) पर नजर डालते हैं।
इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की?
इलेक्ट्रॉन की खोज लगभग 1897 ईस्वी में वैज्ञानिक जोसेफ जॉन थॉमसन ने किया था। वे Electron के खोजकर्ता के रूप में व्यापक रूप से जाने जाते हैं। जे. जे. थॉमसन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रायोगिक भौतिकी के प्रोफेसर थे, और 1884 से 1919 तक कैवेंडिश प्रयोगशाला के निदेशक थे।
जॉन डाल्टन अपना परमाणुवाद का सिद्धांत 19वीं शताब्दी के शुरूआत में ही ले कर आए थे। जिसको कि बहुत लम्बे समय तक सभी लोगों के द्वारा मान्य रखा गया था। जॉन डाल्टन के परमाणुवाद सिद्धांत में उनके द्वारा यह कहा गया था कि पदार्थ की सबसे सूक्ष्म (छोटी) संरचनात्मक इकाई परमाणु है जो कि विभाजित नहीं है और नाशवान भी नहीं है।
लेकिन उसके कुछ समय बाद आज से लगभग 124 वर्ष पहले अप्रैल, 1897 ई. में ब्रिटिश के एक भौतिकी विषय के वैज्ञानिक जे. जे. थॉमसन (Sir Joseph John Thomson) ने क्रुक्स नलिका पर काम करते हुए एक बिल्कुल नए कण की खोज की जो कि ऋणावेशित था। इसी कण को Electron नाम दिया गया।
इलेक्ट्रॉन पहला ऐसा कण था जिसे परमाणु से भी छोटा पाया गया था। इसके पहले परमाणु को सबसे छोटा कण माना जाता था और उसके साथ यह भी माना जाता था की परमाणु को कभी भी विभाजित नहीं किया जा सकता। अर्थात् कभी भी बांटा नहीं जा सकता है, क्योंकि यह ही सबसे छोटा कण है।
लेकिन भौतिकवादी जे. जे. थॉमसन द्वारा 1897 ई. में इलेक्ट्रॉन की खोज के बाद इलेक्ट्रॉन को प्राथमिक कण माना जाने लगा और बताया गया की यही सबसे छोटा कण है। इसके बाद के प्रयोगों से पता चला की परमाणु केवल इलेक्ट्रॉन्स से ही नही बना होता है बल्कि इसमें नाभिक भी होता है। आपको बता दें की रदरफोर्ड नाम के वैज्ञानिक ने 1911 में नाभिक की खोज की और बताया की परमाणु में इलेक्ट्रान के अलावा नाभिक भी होता है।
इलेक्ट्रॉन क्या है?
जैसा कि आप जानते हैं कि पूरे ब्रह्माण्ड में में जो भी वस्तुएं हैं वह पदार्थ से बनी हैं। पदार्थ छोटे-छोटे अविभाज्य कणों से बना होता है जिसे परमाणु कहते हैं। और इलेक्ट्रॉन भी इसी परमाणु में आता है। electron, लेपटोन परिवार के पहली पीढ़ी का सदस्य है। यह ऋणात्मक विद्युत आवेश युक्त मूलभूत उपपरमाणविक कण है।
Electron को मूलभूत कण इसलिए माना जाता है क्योंकि इसकी आंतरिक संरचना ज्ञात ही नहीं है। यह परमाणु में नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाता है। इसका द्रव्यमान, सबसे छोटे परमाणु (जिसे हम हाइड्रोजन कहते हैं) से भी हजार गुना कम होता है।
इलेक्ट्रॉन के आवेश को ऋणात्मक माना जाता है। इसका द्रव्यमान, प्रोटॉन के द्रव्यमान का 1837 वां भाग होता है। सभी प्राथमिक कणों की तरह इलेक्ट्रॉन भी प्रायः कण और तरंग दोनो तरह के व्यवहार प्रदर्शित करता है। इलेक्ट्रॉन कई भौतिक घटनाओं, जैसे: रसायन, विज्ञान, बिजली, तापीय चालकता और चुंबकत्व में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। और वे विद्युत चुम्बकीय, गुरुत्वाकर्षण, आदि में भी भाग लेते हैं।
इलेक्ट्रॉन की खोज कैसे हुई (Electron ki khoj kaise hui)
जैसा कि आपने पहले पढ़ा कि इलेक्ट्रॉन की खोज किसने की?, और अब आप जानेंगे कि इलेक्ट्रॉन की खोज कैसे हुई?, तो आइए जानते हैं।
सन् 1897 ई. में जे. जे. थॉमसन ने इलेक्ट्रॉन की खोज करने में जिस नलिका का प्रयोग किया था वह पूरी तरह से शीशे की नलिका थी। उस शीशे की नलिका में धातु के दो इलेक्ट्रोड लगे थे। अगर किसी भी प्रकार की गैस या हवा को बाहर निकालना हो तो नली में यह भी व्यवस्था उचित रूप से थी। जिसको कि निर्वात पम्प की सहायता से निकाला जाता था।
जब नली में दबाव मिलीमीटर के हजारवें भाग के बराबर था। और इलेक्ट्रोड के सिरों को दस हजार वोल्ट से जोड़ा गया तो फिर यह पाया गया कि कैथोड से एक प्रकार की किरणें उत्पन्न होती हैं। ये किरणें सीधी रेखा में एनोड की तरफ गति करती हैं। तथा एनोड प्लेट के बीच में स्थित छेद से कुछ किरणें आगे जाकर धनात्मक प्लेट की ओर मुड़ जाती हैं। अतः इससे यह परिणाम निकाला गया कि यह कण ऋणावेशित हैं। चूंकि ये कैथोड से उत्पन्न थे अतः इनको कैथोड किरणें कहा गया था।
सर जे. जे. थॉमसन ने कई बार इलेक्ट्रोड की धातु बदलकर तथा नली में ली गयी गैस को बदलकर यह प्रयोग दोहराया किन्तु हर बार उन्हें एक ही बात देखने को मिली। अंत में इन कणों को ‘इलेक्ट्रॉन’ नाम दिया।
और इसके कुछ समय के बाद में इलेक्ट्रॉन का आवेश, इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान भी ज्ञात किया गया। जो कि आगे दिया गया है।
इलेक्ट्रॉन का आवेश:- 1.6×10 के घात (-19) कूलाम (c)
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान:- 9.109×10 के घात (-31) किलोग्राम (kg)।
इस शानदार उपलब्धि के लिए वैज्ञानिक जे. जे. थॉमसन को वर्ष 1906 ई. में भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। और उनकी इसी उपलब्धि के लिए हम सब जे. जे. थॉमसन को अब भी याद करते हैं।
Electron के खोजकर्ता सर जे. जे. थॉमसन के बारे में 10 मूलभूत जानकारियां
- जोसेफ जॉन थॉमसन का जन्म 18 दिसंबर, 1856 को इंग्लैंड के मैनचेस्टर के पास हुआ था।
- थॉमसन ने मैनचेस्टर के विक्टोरिया विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लिया
- थॉमसन को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से छात्रवृत्ति मिली, जहां उन्होंने theoretical Physics के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल क
- थॉमसन कैवेंडिश प्रयोगशाला में काम करने चले गए, और 1884 में उन्हें अट्ठाईस साल की उम्र में कैवेंडिश प्रयोगशाला का प्रमुख नियुक्त किया गया, और उन्होंने 34 साल तक प्रयोगशाला का नेतृत्व किया जब तक कि उनके न्यूजीलैंड के छात्र अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने उनका उत्तराधिकारी नहीं बना लिया।
- थॉमसन की इलेक्ट्रॉन की खोज को उनका अब तक का सबसे अच्छा, सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली शोध माना जाता है।
- कैथोड किरणों पर उनके प्रयोगों ने उन्हें इलेक्ट्रॉन के मूल गुणों की खोज करने के लिए प्रेरित किया।
- थॉमसन इन कणों की गति की गणना करने में सक्षम थे, इसलिए उन्हें "इलेक्ट्रॉन के पिता" के रूप में जाना जाता था।
- थॉमसन को इलेक्ट्रॉन की खोज के लिए 1906 ई. में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के अंत के पास कैवेंडिश प्रयोगशाला छोड़ दी और कैम्ब्रिज में ट्रिनिटी कॉलेज का नेतृत्व किया।
- जोसेफ जॉन थॉम्पसन का 84 वर्ष की आयु में 30 अगस्त 1940 को निधन हो गया।
इलेक्ट्रॉन खोज से जुड़े कुछ - FAQs:
इलेक्ट्रॉन की खोज किसने किया
जे. जे. थॉमसन ने इलेक्ट्रॉन की खोज किया था।
इलेक्ट्रॉन की खोज के लिए जे. जे. थॉमसन को कब नोबेल मिला था?
इलेक्ट्रॉन की खोज के लिए जे. जे. थॉमसन को 1906 ई. मैं नोबेल पुरुस्कार मिला था।
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आज हमने क्या जाना?
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