लाल किले के बारे में किसने नहीं सुना होगा यह भारत की शान है। आपको यह पता होना चाहिए कि Lal Kila Kisne Banaya(लाल किला किसने बनाया)।
पहले राजा अपनी सुरक्षा वयवस्था को मजबूत करने के लिए तथा रहने के लिए किले बनाया करते है। लाल किला विश्व भर में प्रसिद्ध है लोग इसके प्रति आदर की भावना रखते है।
लाल किले को शाहजहां ने बनवाया था। वे चाहते थे कि उन्होंने जितने भी किले बनवाए है लाल किला उन सब से सुंदर तथा आकषर्क हो।
लाल किले का निर्माण पांचवे मुगल शासक शाहजहां द्वारा कराया गया था।
लाल किला करीब 250 एकड़ भूमि पर बना हुआ है, इसकी परधी लगभग 2.4 किलोमीटर है।
शाहजहां और औरंगजेब के शासन काल में लाल किले रुतबा और वर्चस्व कायम रहा। लेकिन मुगल काल के ख़तम होते होते किले का वर्चस्व कम हो गया।
आतंकवादी से लाल किले को सुरक्षित रखने के लिए यह 24 घंटे भारतीय सैनिकों की सुरक्षा मे रहता है। साथ ही भारत सरकार ने लाल किले को No Fly Area घोषित किया है अर्थात लाल किले के ऊपर से कोई भी हवाई जहाज नहीं उड़ सकता।
कई काल मे दिल्ली भारत की राजधानी रहा। तब लाल किले से ही पूरे भारत का संचालन होता था।
दिल्ली पर लगभग 200 साल तक राज करने बले मुगल साम्राज्य ने लाल किले से अपनी पूरी सल्तनत को संभाला।
हम इस पोस्ट में आपको बताएंगे कि लाल किला किसने बनवाया, तथा लाल किले का इतिहास क्या है। और यह भी बताएंगे कि 15 अगस्त को लाल किले पर झंडा क्यों फहराया जाता है?
लाल किला किसने बनवाया था और कब बनवाया था?
इस भव्य लाल किले का निर्माण काम 1638 ईसवी से 1648 ईसवी तक चला। यह पूरे 10 साल मे बनकर तैयार हुआ।
यह किला दिल्ली के बीच में स्तिथ है जो तीन तरफ से यमुना नदी से घिरा हुआ है। यह बहुत ही सुन्दर और आकर्षक है। इसे विश्व धरोहर के रूप में शामिल किया गया है।
देश और दुनिया भर से लोग इसे देखने आते है और इसकी बनावट और भव्यता की प्रशंसा करते है। यह पुरानी दिल्ली में स्तिथ है।
इसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है।
लाल पत्थर से बने होने के कारण तथा इसका लाल कलर होने के कारण इसे लाल किला कहते है। यह भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
यह मुगलकालीन वास्तुकला, सृजनात्मकता का अनूठा उदाहरण है।
लाल किला कितने एकड़ में फैला हुआ है?
लाल किला करीब 250 एकड़ भूमि पर बना हुआ है, इसकी परधी लगभग 2.4 किलोमीटर है।
यह चारो तरफ से 70 फीट ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है।
दीवारों के चारो कोनो पर द्वार बनायेगे ग़ए है।
एक खिजड़ी द्वार है जो यमुना नदी की तरफ खुलता है। दूसरे द्वार को दिल्ली द्वार तथा तीसरे को लाहौर द्वार कहलाता था।
बाद में तीसरे द्वार का नाम बदल कर अमरसिंह द्वार रख दिया गया इसी द्वार से लाल किले को देखने वाले दर्शक प्रवेश करते है।
चौथे द्वार के दोनों और हाथी सवार रक्षको की मूर्तियां बनी हुई है इसलिए इस द्वार का नाम हाथी पोल है। इसे अहमद लाहौरी ने डिज़ाइन किया था।
इन्होंने भारत की शान और सात अजूबों में से एक ताज महल को भी डिज़ाइन किया था। इसके नींव मुसलमानों के पवन पर्व मुहर्रम को 1638 में रखी गयी थी।
15 अगस्त को लाल किले पर झंडा क्यों फहराया जाता है
शाहजहां और औरंगजेब के शासन काल में लाल किले रुतबा और वर्चस्व कायम रहा। लेकिन मुगल काल के ख़तम होते होते किले का वर्चस्व कम हो गया।
1973 में नादिर शाह ने मुगलो पर आक्रमण करके उन्हे हरा दिया और लाल किला लूट लिया।
जब ब्रिटिश सरकार भारत ने भारत में कब्जा किया तो उन्होंने अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर को कैद करके रंगून भेज दिया। और लाल किले पर झंडा फहरा फहराया।
200 साल तक अग्रेजों ने भी भारत पर राज किया। जब अंग्रेज भारत छोड़ कर गए तो वो लाल किले का फर्नीचर भी अपने साथ ले गए।
भारत के आजाद होने के बाद लाल किले पर से ब्रिटिश सरकार का झंडा उतार कर भारत का तिरंगा फहराया गया।
अपने तिरंगे को लाल किले पर फहराता देख कर आजादी कि खुशी पूरे देश मे फैल गई। जिसने भी भारत पर राज किया उसने अपने साम्राज्य को व्यक्त करने के लिए लाल किले पर ध्वज फहराया।
लाल किले पर पहला तिरंगा जनरल शाहनवाज खान ने ही फहराया था। इन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश सरकार का झंडा उतार कर भारत का तिरंगा लाल किले पर फहराया था।
लाल किले पर सबसे पहले तिरंगा किसने फहराया और कब?
इन्हे नेहरू ने खान की उपाधि दी थी। उसके बाद भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया।
तब से प्रत्येक स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है।
आपको बता दे पंडित जवाहर लाल नेहरु ने 15 अगस्त को नहीं बल्कि 16 अगस्त 1947 को लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।
लेकिन हम आजादी 15 अगस्त को मिली थी इस लिए हर साल 15 अगस्त को लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है।
लाल किले को देखने हर साल लाखो दर्शक आते है। लाल किले मे बहुत से दर्शनीय स्थल बने है। यह अपनी अपनी कलाकृति तथा सुंदरता के कारण पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है।
1. लाहौरी दरवाजा- लाहौरी द्वार लाल किले का मुख्य दरवाजा है जो कि पश्चिम दिशा में स्तिथ है। इस दरवाजे का मुख लाहौर की ओर होने के कारण इसका नाम लाहौरी दरवाजा रखा गया। आजादी के बाद से हर साल इसी दरवाजे पर प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
2. दिल्ली दरवाजा- यह किले के दक्षिण और स्थित है। इसकी बनावट बिल्कुल लाहौरी द्वार जैसी है। दिल्ली दरवाजे को औरंगजेब ने तोड़ दिया था। 1903 में ब्रिटिश सरकार के शासन में लॉर्ड ने इसे फिर से बनना दिया था।
3. पानी दरवाजा- यह छोटा सा दरवाजा है जो दक्षिण पूर्व मे स्तिथ है। नदी के तट के पास होने के कारण इसका नाम पानी दरवाजा रखा गया।
4. छाबरी बाजार- यह लाल किले के सामने स्तिथ है।
5. चट्टा चौक- लाहौर द्वार के अंदर जाते ही चट्टा चौक मिलता है। यह पर मुगलों के समय में हाट लगा करती थी। जिसमे बेशकमती हीरे जवाहरात तथा कपड़े की दुकानें लगती थी।
6. नौबत खाना- लाल किले के अंदर बना यह महल विशेष रूप से संगीतकारों के लिए बनाया गया था। इसे नक्कर खाना भी कहा जाता है।
7. दीवान-ए-आम- यह 540 फीट चौड़ा व् 420 फीट गहरा बना हुए है। यह राजा का मुख्य कोर्ट हुआ करता था। यही पर वह अपने अहम फैसले लिया करते थे। आम जनता भी यह उपस्थित होती थी उनके लिए एक बड़ा सा हॉल बनाया गया था।
8. रंग महल- यह महल राजा की पत्नियों तथा दसियो के लिए बनाया गया था। इसमें एक पुल भी बना हुआ था जो नहर-ए-बहिश्त से भरा जाता था। नहर-ए-बहिश्त एक नहर को कहते थे जो महल को यमुना नदी से जोड़ती थी। इससे गर्मियों मे भी महल का तापमान ठंडा रहता था। पहले इसका नाम ”पैलेस ऑफ कलर्स” रखा गया था।
9. दीवाने खास- दीवाने खास राजा का निजी कक्ष हुआ करता था जिसे बेशकीमत हीरो तथा संगमरमर से सजाया जाता था।
10. मोती मस्जिद- 1659 में शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने इसे बनवाया था। यह उसकी निजी मस्जिद थी जहां वह अपनी रोज की नमाज़ पड़ता था। इस मस्जिद को सफेद संगमरमर के पत्थरों द्वारा सजाया गया था।
11. मुमताज महल- यह महल भी रानियो तथा उनकी दासियो के रहने के लिए बनाया गया था। इस महल का नाम राजा ने अपनी रानी मुमताज़ के नाम पर रखा था। इसमें संगमरमर के पत्थरों पर फूलो की कारीगरी की गया है। वर्तमान में इसे संग्रालय में बदल दिया गया है।
ऐसे ही बहुत से दर्शनीय स्थल लाल किले में मौजूद है।
दुनिया के सबसे खूबसूरत किले मे गिना जाने वाला लाल का भले ही अपने लाल रंग से फेमस हो लेकिन पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का कहना है कि किले के कुछ भाग को चुने के पत्थर से बनाया गया है।
अगर आप लाल किला घूमने जाना चाहते है तो यह आपको जरूर पता होना चाहिए कि लाल किला सोमवार के दिन बंद रहता है। बाकी 6 दिन टूरिस्टों के लिए खुला रहता है।
लाल किले में बने दर्शनीय स्थल
लाल किले को देखने हर साल लाखो दर्शक आते है। लाल किले मे बहुत से दर्शनीय स्थल बने है। यह अपनी अपनी कलाकृति तथा सुंदरता के कारण पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है।
1. लाहौरी दरवाजा- लाहौरी द्वार लाल किले का मुख्य दरवाजा है जो कि पश्चिम दिशा में स्तिथ है। इस दरवाजे का मुख लाहौर की ओर होने के कारण इसका नाम लाहौरी दरवाजा रखा गया। आजादी के बाद से हर साल इसी दरवाजे पर प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
2. दिल्ली दरवाजा- यह किले के दक्षिण और स्थित है। इसकी बनावट बिल्कुल लाहौरी द्वार जैसी है। दिल्ली दरवाजे को औरंगजेब ने तोड़ दिया था। 1903 में ब्रिटिश सरकार के शासन में लॉर्ड ने इसे फिर से बनना दिया था।
3. पानी दरवाजा- यह छोटा सा दरवाजा है जो दक्षिण पूर्व मे स्तिथ है। नदी के तट के पास होने के कारण इसका नाम पानी दरवाजा रखा गया।
4. छाबरी बाजार- यह लाल किले के सामने स्तिथ है।
5. चट्टा चौक- लाहौर द्वार के अंदर जाते ही चट्टा चौक मिलता है। यह पर मुगलों के समय में हाट लगा करती थी। जिसमे बेशकमती हीरे जवाहरात तथा कपड़े की दुकानें लगती थी।
6. नौबत खाना- लाल किले के अंदर बना यह महल विशेष रूप से संगीतकारों के लिए बनाया गया था। इसे नक्कर खाना भी कहा जाता है।
7. दीवान-ए-आम- यह 540 फीट चौड़ा व् 420 फीट गहरा बना हुए है। यह राजा का मुख्य कोर्ट हुआ करता था। यही पर वह अपने अहम फैसले लिया करते थे। आम जनता भी यह उपस्थित होती थी उनके लिए एक बड़ा सा हॉल बनाया गया था।
8. रंग महल- यह महल राजा की पत्नियों तथा दसियो के लिए बनाया गया था। इसमें एक पुल भी बना हुआ था जो नहर-ए-बहिश्त से भरा जाता था। नहर-ए-बहिश्त एक नहर को कहते थे जो महल को यमुना नदी से जोड़ती थी। इससे गर्मियों मे भी महल का तापमान ठंडा रहता था। पहले इसका नाम ”पैलेस ऑफ कलर्स” रखा गया था।
9. दीवाने खास- दीवाने खास राजा का निजी कक्ष हुआ करता था जिसे बेशकीमत हीरो तथा संगमरमर से सजाया जाता था।
10. मोती मस्जिद- 1659 में शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने इसे बनवाया था। यह उसकी निजी मस्जिद थी जहां वह अपनी रोज की नमाज़ पड़ता था। इस मस्जिद को सफेद संगमरमर के पत्थरों द्वारा सजाया गया था।
11. मुमताज महल- यह महल भी रानियो तथा उनकी दासियो के रहने के लिए बनाया गया था। इस महल का नाम राजा ने अपनी रानी मुमताज़ के नाम पर रखा था। इसमें संगमरमर के पत्थरों पर फूलो की कारीगरी की गया है। वर्तमान में इसे संग्रालय में बदल दिया गया है।
ऐसे ही बहुत से दर्शनीय स्थल लाल किले में मौजूद है।
दुनिया के सबसे खूबसूरत किले मे गिना जाने वाला लाल का भले ही अपने लाल रंग से फेमस हो लेकिन पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का कहना है कि किले के कुछ भाग को चुने के पत्थर से बनाया गया है।
अगर आप लाल किला घूमने जाना चाहते है तो यह आपको जरूर पता होना चाहिए कि लाल किला सोमवार के दिन बंद रहता है। बाकी 6 दिन टूरिस्टों के लिए खुला रहता है।
इसके खुलने का समय सुबह 9:30 से शाम 4:30 तक है। आप सोच रहे होगे कि लाल किले में जाने का कितने रूपय का टिकट लगता है।
भारतीय नागरिकों के लिए लाल किले का टिकेट 10 रुपय तथा विदेशी टूरिस्टों के लिए 150 रूपये की आती है।
यह हर रोज शाम को लाइट व साउंड शो होता है जिसमे आपको मुगलों का इतिहास बताया जाता है।
लाल किले को अभी भी पहले के तरह सजा के रखा जाता है जिससे लोग हमारी संस्कति तथा धरोहर को और अच्छे से जान पाए।
आतंकवादी से लाल किले को सुरक्षित रखने के लिए यह 24 घंटे भारतीय सैनिकों की सुरक्षा मे रहता है। साथ ही भारत सरकार ने लाल किले को No Fly Area घोषित किया है अर्थात लाल किले के ऊपर से कोई भी हवाई जहाज नहीं उड़ सकता।
लाल किला किसने बनाया Video-
लाल किला से जुड़े कुछ FAQ:
लाल किला का पुराना नाम क्या है?
लाल किले का असली नाम है 'किला-ए-मुबारक'
लाल किला कौन बनवाया था?
लाल किले का निर्माण पांचवे मुगल शासक शाहजहां द्वारा किया गया था लेकिन इसको बनाया था "Ustad Ahmad Lahouri" ने।
लाल किला कब बना था?
लाल किला निर्माण का काम 1638 ईसवी से 1648 ईसवी तक चला पूरा 10 साल लगा था इसको बनने में।
यह भी पढ़े...
आज हमने क्या सीखा?
लाल किला हमारे भारत देश की धरोहर तथा संस्कृति की पहचान है।
दोस्तो आपको लाल किले के बारे में (लाल किले किसने बनाया और बन बनाया था) यह जानकारी कैसी लगी Comment करके जरूर बताएं और ऐसी ही अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे Blog की Notification को On कर ले।
COMMENTS