RIP क्या है? RIP meaning in hindi, RIP Ka Full Form in Hindi, जानिए rip का पूरी इतिहास, भारत में कई भाषाएँ हैं, लेकिन ज्यादातर हिंदी का ही प्रचालन होता है. जब से लोगों ने पश्चिमी सभ्यता को स्वीकार करना शुरू कर दिया है, तब से लोग इंग्लिश पर ज्यादा ध्यान देने लगें हैं. जब सोशल मिडिया का ज़माना आया, तब लोगों ने अपना ज्यादा समय वहां बिताने लगे. यहीं से लोगों ने कम शब्दों में अपनी बात कहने के लिए एक नई तरकीब इजात कर ली. लोग सिर्फ शार्टकट में बात कहने लगे.
यही वो दौर था, जिसमें लोग सिर्फ दो या तीन शब्दों में अपनी बात करते थे. ये तरकीब इतनी ज्यादा प्रचलित हुई कि पूरे सोशल मिडिया में अब सिर्फ शार्टकट में बातें लिखी होती हैं. वैसे तो शार्टकट शब्द बहुत सारे हैं, लेकिन आज हम सिर्फ RIP शब्द के बारे में विस्तार से जानेगे.
RIP का Full Form है "Rest in Peace" जिसका हिंदी अर्थ होता है "शांति से आराम करें"
R - Rest
I - In
P - Peace
हम सोशल मीडिया में कई सारे शार्टकट शब्द देखते हैं, लेकिन RIP सिर्फ एक ही जगह देखा जाता है, जहाँ किसी को श्रद्धांजलि दी जा रही हो. RIP (RIP full form) का असली मतलब रेस्ट इन पीस (Rest in Peace) होता है. ये शब्द लैटिन शब्द Requiescat in Pace से लिया गया है. RIP का हिंदी में मतलब “आत्मा को शान्ति मिले” होता है.
जब हम सोशल मीडिया में किसी के देहांत की पोस्ट देखते हैं, तो कमेंट लोग RIP लिखते हैं. इसका मतलब लोग भगवान ने प्रार्थना करते हैं कि भगवान इसकी आत्मा को शान्ति दे. इतना लम्बा न लिखकर लोग RIP लिख देते हैं.
आपके दादा या घर के बड़े लोगों जब कोई शोक सन्देश सुनते हैं तो वो RIP नहीं कहते वो सिर्फ ये कहते हैं कि “भगवान इसकी आत्मा को शान्ति दे”. नए ज़माने लोग RIP कहते हैं या Rest in Peace.
अगर हम सरल भाषा में RIP का मतलब समझने की कोशिश करे तो रेस्ट (Rest) का मतलब आराम है और पीस (Peace) का मतलब शान्ति होता है.
हर शब्द का अपना अलग ही भाव होता है, हम ख़ुशी वाले भाव के शब्द को दुःख वाली परिस्थिति में इस्तेमाल नहीं करते और दुःख भाव वाले शब्द को खुशी वाली परिस्थिति में उपयोग नहीं करते. वैसे ही RIP शब्द का भी भाव होता है. जब अपना कोई भगवान के पास चला जाता है, तो लोगों के अंदर जो गम, दर्द होता हैं. उस भाव में RIP शब्द अन्दर की आत्मा से निकलता है और सीधा भगवान के पास जाता है.
जब भी कोई अपना सबकुछ छोड़कर जाता है, तो हमारे अन्दर से यही निकलता है कि “भगवान इसकी आत्मा को शान्ति दे.”
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा होगा कि RIP को लैटिन भाषा से लिया गया है. अब हम इसके बारे विस्तार से जानेगे.
हमारे देश के लोगों पर पश्चिमी सभ्यता का नशा तेजी से चढ़ रहा है. लोग अपनी संस्कृति को छोड़कर पश्चिमी संस्कृति को अपना रहे हैं.
16 वीं से 18 वीं शताब्दी के समय में RIP शब्द का उपयोग सिर्फ इसाई धर्म के लोग ही क्या करते थे. जब उनके धर्म के किसी व्यक्ति का निधन हो जाता था, तब उसकी डेथ बॉडी को दफनाया जाता था और उसकी कब्र के ऊपर रेस्ट इन पीस (Rest in peace) लिखा जाता था. जैसे-जैसे समय गुजरने लगा, वैसे-वैसे Rest in peace कब RIP हो गया पता ही नहीं चला.
पहले तो RIP सिर्फ ईसाईयों की कब्रों पर ही लिखा जाता था. फिर जब सोशल मिडिया आया और लोग इसे यहाँ भी इस्तेमाल करने लगे. और ये शब्द अब फैशन बन गया है.
अब 21वीं सदी में RIP शब्द का इस्तेमाल कब्रों से ज्यादा सोशल मीडिया में होने लगा है.
जब भी हम फेसबुक या किसी भी सोशल मिडिया प्लेटफार्म में कोई दुखत पोस्ट देखते हैं, तो 99% कमेन्ट में सिर्फ RIP ही लिखा होता है.
सभी धर्म में इस शब्द का इस्तेमाल नहीं होता, दरअसल, इसाई और मुस्लिम धर्म के अनुसार, कयामत का दिन आएगा और इस दिन सभी मुर्दे वापस से जिन्दा होंगे और उनके कर्मों का हिसाब किताब होगा. इसलिए ईसाईयों की कब्रों में RIP लिखा होता है. इसका मतलब क़यामत के दिन के इंतज़ार में “शान्ति से आराम करो”. वैसे मुस्लिम इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करते.
वहीँ हिन्दू धर्म के अनुसार ऐसा कुछ नहीं होगा. इनके मुताबिक शरीर नश्वर है और आत्मा अमर, हिन्दू धर्म में मृतक के शरीर को जला दिया जाता है. हिन्दुओं का मानना है कि मृत्यु होते ही आत्मा निकलकर किसी दूसरे नए नवजात में प्रवेश कर जाती है. इसलिए इस धर्म के लोग RIP शब्द का इस्तेमाल नहीं करते. कुछ धार्मिक लोग इस शब्द के इस्तेमाल का विरोध भी करते हैं.
हिन्दू धर्म के घार्मिक लोग RIP शब्द की बजाए “विनम्र श्रद्धांजलि”, “श्रद्धांजलि”, “आत्मा को सदगति प्रदान करें”, ” भगवान् , आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे” जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर जोर देते हैं.
यह भी पढ़े...
तो दोस्तों आजका यह छोटासा जानकारी आपको कैसे लगा कमेंट करके जरुर बताये, यदि आपको आजका यह पोस्ट सचमे पसंद आया है तो कृपा करके अपने दोस्तों के साथ इस पोस्ट शेयर करे. ताकि आपके फ्रेंड्स को भी RIP शब्द का सही मतलब पता हो पाए.
यही वो दौर था, जिसमें लोग सिर्फ दो या तीन शब्दों में अपनी बात करते थे. ये तरकीब इतनी ज्यादा प्रचलित हुई कि पूरे सोशल मिडिया में अब सिर्फ शार्टकट में बातें लिखी होती हैं. वैसे तो शार्टकट शब्द बहुत सारे हैं, लेकिन आज हम सिर्फ RIP शब्द के बारे में विस्तार से जानेगे.
RIP Full Form in Hindi- Rip का फुल फॉर्म क्या है?
RIP का Full Form है "Rest in Peace" जिसका हिंदी अर्थ होता है "शांति से आराम करें"
R - Rest
I - In
P - Peace
RIP Meaning in Hindi - RIP का क्या मतलब होता है?
हम सोशल मीडिया में कई सारे शार्टकट शब्द देखते हैं, लेकिन RIP सिर्फ एक ही जगह देखा जाता है, जहाँ किसी को श्रद्धांजलि दी जा रही हो. RIP (RIP full form) का असली मतलब रेस्ट इन पीस (Rest in Peace) होता है. ये शब्द लैटिन शब्द Requiescat in Pace से लिया गया है. RIP का हिंदी में मतलब “आत्मा को शान्ति मिले” होता है.
जब हम सोशल मीडिया में किसी के देहांत की पोस्ट देखते हैं, तो कमेंट लोग RIP लिखते हैं. इसका मतलब लोग भगवान ने प्रार्थना करते हैं कि भगवान इसकी आत्मा को शान्ति दे. इतना लम्बा न लिखकर लोग RIP लिख देते हैं.
आपके दादा या घर के बड़े लोगों जब कोई शोक सन्देश सुनते हैं तो वो RIP नहीं कहते वो सिर्फ ये कहते हैं कि “भगवान इसकी आत्मा को शान्ति दे”. नए ज़माने लोग RIP कहते हैं या Rest in Peace.
अगर हम सरल भाषा में RIP का मतलब समझने की कोशिश करे तो रेस्ट (Rest) का मतलब आराम है और पीस (Peace) का मतलब शान्ति होता है.
हर शब्द का अपना अलग ही भाव होता है, हम ख़ुशी वाले भाव के शब्द को दुःख वाली परिस्थिति में इस्तेमाल नहीं करते और दुःख भाव वाले शब्द को खुशी वाली परिस्थिति में उपयोग नहीं करते. वैसे ही RIP शब्द का भी भाव होता है. जब अपना कोई भगवान के पास चला जाता है, तो लोगों के अंदर जो गम, दर्द होता हैं. उस भाव में RIP शब्द अन्दर की आत्मा से निकलता है और सीधा भगवान के पास जाता है.
जब भी कोई अपना सबकुछ छोड़कर जाता है, तो हमारे अन्दर से यही निकलता है कि “भगवान इसकी आत्मा को शान्ति दे.”
RIP शब्द का इतिहास (RIP History In Hindi)
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा होगा कि RIP को लैटिन भाषा से लिया गया है. अब हम इसके बारे विस्तार से जानेगे.
हमारे देश के लोगों पर पश्चिमी सभ्यता का नशा तेजी से चढ़ रहा है. लोग अपनी संस्कृति को छोड़कर पश्चिमी संस्कृति को अपना रहे हैं.
16 वीं से 18 वीं शताब्दी के समय में RIP शब्द का उपयोग सिर्फ इसाई धर्म के लोग ही क्या करते थे. जब उनके धर्म के किसी व्यक्ति का निधन हो जाता था, तब उसकी डेथ बॉडी को दफनाया जाता था और उसकी कब्र के ऊपर रेस्ट इन पीस (Rest in peace) लिखा जाता था. जैसे-जैसे समय गुजरने लगा, वैसे-वैसे Rest in peace कब RIP हो गया पता ही नहीं चला.
पहले तो RIP सिर्फ ईसाईयों की कब्रों पर ही लिखा जाता था. फिर जब सोशल मिडिया आया और लोग इसे यहाँ भी इस्तेमाल करने लगे. और ये शब्द अब फैशन बन गया है.
अब 21वीं सदी में RIP शब्द का इस्तेमाल कब्रों से ज्यादा सोशल मीडिया में होने लगा है.
जब भी हम फेसबुक या किसी भी सोशल मिडिया प्लेटफार्म में कोई दुखत पोस्ट देखते हैं, तो 99% कमेन्ट में सिर्फ RIP ही लिखा होता है.
RIP शब्द से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- RIP शब्द सिर्फ मरे हुए व्यक्ति की आत्मा की शांति की कामना के लिए इस्तेमाल होता है।
- लोग इसका ज्यादातर इस्तेमाल सोशल मीडिया में दुखत पोस्ट पर ज्यादा करते हैं।
- RIP शब्द में संवेदना के साथ-साथ इमोशनल भाव भी शामिल होता है।
- सबसे पहले ईसाई धर्म के लोग इस शब्द का इस्तेमाल किया करते थे।
- RIP का अर्थ आत्मा की शांति मिले होता है.
- Rest in peace से ज्यादा लोग इसके शार्टकट फॉर्म RIP का इस्तेमाल करते हैं.
- 21वीं सदी में इस शब्द का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सोशल मीडिया में होता है.
- ये शब्द किसी खास व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि सभी मरे हुए व्यक्ति के लिए होता है।
- RIP को पहले कब्रों में लिखा जाता था.
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार RIP शब्द का इस्तेमाल
सभी धर्म में इस शब्द का इस्तेमाल नहीं होता, दरअसल, इसाई और मुस्लिम धर्म के अनुसार, कयामत का दिन आएगा और इस दिन सभी मुर्दे वापस से जिन्दा होंगे और उनके कर्मों का हिसाब किताब होगा. इसलिए ईसाईयों की कब्रों में RIP लिखा होता है. इसका मतलब क़यामत के दिन के इंतज़ार में “शान्ति से आराम करो”. वैसे मुस्लिम इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करते.
वहीँ हिन्दू धर्म के अनुसार ऐसा कुछ नहीं होगा. इनके मुताबिक शरीर नश्वर है और आत्मा अमर, हिन्दू धर्म में मृतक के शरीर को जला दिया जाता है. हिन्दुओं का मानना है कि मृत्यु होते ही आत्मा निकलकर किसी दूसरे नए नवजात में प्रवेश कर जाती है. इसलिए इस धर्म के लोग RIP शब्द का इस्तेमाल नहीं करते. कुछ धार्मिक लोग इस शब्द के इस्तेमाल का विरोध भी करते हैं.
हिन्दू धर्म के घार्मिक लोग RIP शब्द की बजाए “विनम्र श्रद्धांजलि”, “श्रद्धांजलि”, “आत्मा को सदगति प्रदान करें”, ” भगवान् , आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे” जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर जोर देते हैं.
यह भी पढ़े...
तो दोस्तों आजका यह छोटासा जानकारी आपको कैसे लगा कमेंट करके जरुर बताये, यदि आपको आजका यह पोस्ट सचमे पसंद आया है तो कृपा करके अपने दोस्तों के साथ इस पोस्ट शेयर करे. ताकि आपके फ्रेंड्स को भी RIP शब्द का सही मतलब पता हो पाए.
COMMENTS